उत्तर प्रदेशलखनऊ

Deoria News: बोगस फर्म के नाम देवरिया में करोड़ों रुपये के कारोबार का खुलासा

राज्य कर विभाग की टीम ने की छापेमारी तो व्यापारी ने स्वेच्छा से डीआरसी-03 के माध्यम से 44 लाख रुपये कर किया जमा

रघवापुर के आयरन एवं स्टील से संबंधित फर्म से जांच में पाए गए संदिग्ध अभिलेख व प्रपत्रों को किया सीज

व्यापारिक परिसर में एचआर शीट लदा बिहार राज्य का खड़ा पाया गया ट्रक, कागज नहीं दिखाने पर माल सहित ट्रक को किया जब्त

 

देवरिया। जिले में एक व्यापारी बोगस फर्म के नाम पर करोड़ों रुपये का कारोबार कर रहा था। इसी जानकारी होने पर करीब एक वर्ष से राज्य कर विभाग की टीम जांच कर रही थी। टीम की जांच व डाटा एनालिसिस करने पर यह प्रकाश में आया कि फर्म की ओर से वैध कारोबार किया जा रहा है। कैश के रूप में कोई कर जमा न करके मात्र आईटीसी के माध्यम से ही कर सेटऑफ किया जाता है। इसके बाद टीम ने सोमवार को छापा मारा और जांच की। यह देखकर व्यापारी ने स्वेच्छा से डीआरसी-03 के माध्यम से 44 लाख रुपये का कर जमा किया। जांच में पाए गए संदिग्ध अभिलेख व प्रपत्रों को कर विभाग की टीम सीज कर जांच में जुट गई।

राज्य कर विभाग के विशेष अनुसंधान शाखा (वि.अनु.शा.) रेंज-बी, गोरखपुर के केंद्रीय क्षेत्राधिकार में पंजीकृत आयरन एवं स्टील से संबंधित फर्म देवरिया के रघवापुर में स्थित है। उसके डाटा एनालिसिस पर पाए गए प्रतिकूल तथ्यों के चलते उपायुक्त (वि.अनु.शा.) राज्य कर, रेंज-बी, गोरखपुर सुनील कुमार वर्मा एवं संयुक्त आयुक्त (वि.अनु.शा.) राज्य कर रेंज-ए, उदित नारायण सिंह करीब एक वर्ष से रेकी की जा रही थी। उन्होंने मुखबिरों का जाल भी फैलाया और डाटा एनालिसिस करवाया।

 

डाटा एनालिसिस करवाने पर यह तथ्य प्रकाश में आया कि फर्म की ओर से वैध कारोबार करोड़ों रुपये का किया जा रहा है। लेकिन कैश के रूप में कोई कर जमा न करके मात्र आईटीसी के माध्यम से ही कर सेटऑफ किया जा रहा है।

 

बिना प्रपत्रों व कर चुकाए हो रही थी खरीद-बिक्री

टीम के सदस्यों को मुखबिरों से यह सूचना मिली कि वैध कारोबार की आड़ में बिना प्रपत्रों के भी माल का बिना कर चुकाए खरीद-बिक्री की जा रही है। जांच के बाद अपर आयुक्त ग्रेड-1, गोरखपुर जोन गोरखपुर विमल कुमार राय के निर्देश अपर आयुक्त ग्रेड-2, राज्य कर गोरखपुर जोन गोरखपुर संजय कुमार ने 31 मार्च को उपायुक्त (वि.अनु.शा.) राज्य कर, रेंज-बी, गोरखपुर सुनील कुमार वर्मा के नेतृत्व में टीम का गठन करते हुए आईएनएस-01 जारी किया गया।

 

एक अप्रैल को टीम ने जांच कर कई कागजात किए जब्त

सोमवार को टीम के सदस्य मौके पर पहुंचे उपायुक्त (वि.अनु. शा.) सुनील कुमार वर्मा, उपायुक्त विवेक मिश्रा एवं सहायक आयुक्त विकास कुमार द्विवेदी व्यापार स्थल पर पहुंचे। अपनी गाड़ी व्यापार स्थल से थोड़ी दूर आगे खड़ी करके एक उपायुक्त एवं सहायक आयुक्त व्यापारी बनकर पहुंचे। गेट खुलवाने के बाद गाड़ी में मौजूद अन्य एक उपायुक्त मय गाड़ी एवं पुलिस बल के साथ व्यापार स्थल पर पहुंचे। उसके बाद टीम में शामिल अन्य सदस्यों में सहायक आयुक्त नीरज कुमार मौर्या, विनीत कुमार, जितेंद्र कुमार रमन, प्रशांत कुमार द्विवेदी, अभिमन्यु पाठक, राज्य कर अधिकारी गिरिजानंदन सिंह, प्रशांत चौधरी, अशोक कुमार पांडेय, अंकित त्रिपाठी ने जांच की।

 

सुबह 11 से शाम 6 बजे तक चली जांच

सुबह 11 से शाम 6 बजे तक फर्म की जांच हुई। इसमें व्यापार स्थल पर भौतिक रूप से उपलब्ध माल का सत्यापन व्यापारी नहीं करा सका। असके कारण पाए गए माल को जब्त करते हुए फर्म की अभिरक्षा में सुरक्षित रखने के लिए दे दिया गया।

परिसर में खड़े बिहार राज्य के ट्रक पर माल लोड था। उसका प्रपत्र व्यापारी प्रस्तुत नहीं कर सका। इस वाहन को ऑनलाइन चेक करने पर पता चला कि इस पर ई-वे बिल अपलोड है। लेकिन, वह संबंधित फर्म से न होकर किसी अन्य फर्म के नाम से प्रदर्शित हो रहा था। प्रपत्रों के सत्यापन के लिए वाहन में उपलब्ध माल मय वाहन के जब्ती की कार्रवाई करते हुए उसे व्यापारिक अभिरक्षा में सुरक्षित रखने के लिए दे दिया गया। जांच के दौरान पाए गए संदिग्ध अभिलेख व प्रपत्रों को सीज करते हुए अग्रिम जांच के लिए कार्यालय लाया गया। इसकी जांच की जा रही है। इस दौरान व्यापारी ने स्वेच्छा से डीआरसी-03 के माध्यम से 44 लाख रुपये कर जमा किया।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button