कांग्रेस की बीमारी, बड़ा जनाधार रखने वाले नेताओं ने भी पार्टी से किनारा किया

चुनावों के अवसर पर नेताओं का इस या उस दल में जाना कोई नई-अनोखी बात नहीं लेकिन जब दल विशेष से बड़ी संख्या में नेता किनारा करने लगें तो उसके खिलाफ माहौल बनता है और विरोधी दलों को मनोवैज्ञानिक बढ़त मिलती है। कांग्रेस के एक के बाद एक नेता जिस तरह पार्टी छोड़ रहे हैं उससे तो यह लगता है कि भगदड़ की सी स्थिति है।
चुनावों के अवसर पर नेताओं का इस या उस दल में जाना कोई नई-अनोखी बात नहीं, लेकिन जब दल विशेष से बड़ी संख्या में नेता किनारा करने लगें तो उसके खिलाफ माहौल बनता है और विरोधी दलों को मनोवैज्ञानिक बढ़त मिलती है। कांग्रेस के एक के बाद एक नेता जिस तरह पार्टी छोड़ रहे हैं, उससे तो यह लगता है कि भगदड़ की सी स्थिति है। कांग्रेस छोड़ने वालों में नए नाम हैं मुक्केबाज विजेंदर सिंह, गौरव वल्लभ, संजय निरुपम और बिहार कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष अनिल शर्मा। इसके पहले भी कई नेता कांग्रेस छोड़ चुके हैं। वास्तव में इसकी गिनती करना कठिन है कि बीते एक माह में कितने नेताओं ने कांग्रेस छोड़ी है। इनमें से कुछ बड़े और जनाधार वाले नेता भी हैं, जैसे अशोक चह्वाण, मिलिंद देवड़ा, रवनीत सिंह बिट्टू आदि। हैरानी नहीं कि आने वाले दिनों में कुछ और नेता कांग्रेस को नमस्ते करते दिखें। यह ठीक है कि अन्य दलों से इक्का-दुक्का नेता कांग्रेस में भी आए हैं, लेकिन इसमें कोई संदेह नहीं कि उसका साथ छोड़ने वालों की संख्या कहीं अधिक है।