अम्बेडकरनगरउत्तर प्रदेशराज्य

झील सौंदरीकरण योजना धरातल पर हुई फुस्स

जिलाधिकारी द्वारा पूजा पाठ करने के बाद भी काम ठप

राम सरन

तहसील रिपोर्टर जलालपुर

दैनिक जस्ट एक्शन

जनपद अम्बेडकरनगर तहसील जलालपुर जगदीशपुर कपिलेश्वर में सरोवरों के विशेष सौंदर्य करण को लेकर जिलाधिकारी अविनाश सिंह जगदीशपुर कपिलेश्वर में पूजन अर्चन कर सौंदर्य करण का कार्य प्रारंभ किया गया। जिलाधिकारी द्वारा बताया गया था कि यहां आकर्षक लाइटिंग, बैठने के स्थान के साथ ही अन्य खास प्रबन्ध किए जाएंगे। जलाशय प्राकृतिक धरोहर होते हैं। जल पर ही जीवन निर्भर है। इसकी सुरक्षा करना हम सभी का दायित्व बनता है। जिलाधिकारी द्वारा सरोवरों के कायाकल्प पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है। इस क्रम में जगदीशपुर कपिलेश्वर में अमृत सरोवर महायोजना को आकार मिलने पर न सिर्फ क्षेत्र बल्कि जिले व प्रदेश को राष्ट्रीय स्तर पर विशेष पहचान मिलेगी। और लोगों को रोजगार के अवसर प्राप्त होंगे। सरोवर के सौदर्यकरण के इस अभियान में अंबेडकरनगर जिला कलेक्टर अविनाश सिंह और मुख्य विकास अधिकारी अनुराज जैन, डी पी ओ वीरेंद्र सिंह के साथ कर्मचारियों एवं स्थानीय निवासियों ने भी स्वेच्छा से श्रमदान कर सरोवर और इसके आसपास की सफाई में भाग लिया। डी पी. आर ओ. वीरेंद्र सिंह ने झील सौंदर्यीकरण अभियान का उद्देश्य पक्षी विहार पर्यटक स्थल के रूप में विकसित करना था ।

*मीडिया ने जब पड़ताल करना शुरू किया तो झील सौंदर्यीकरण का खुला पोल*

तहसील जलालपुर अंतर्गत ग्राम पंचायत जगदीशपुर कपिलेश्वर में झील सौंदर्य करण में पोल खुल गया अभी तक झील सौंदरीकरण में सिर्फ बांध ही बने हैं और झील में ना ही कोई साफ सफाई की गई और ना ही कुछ वहां कोई व्यवस्था दिख रहा है। आखिर जिला अधिकारी अविनाश सिंह के झील विकास का योजना फुस्स होती दिख रही है । गौरतलब है कि इस झील की लागत कुछ ग्रामीणों से जानकारी ली गई तो उन्होंने बताया यह करोड़ की लागत से झील का सौंदर्य करण होना था । लेकिन विकासखंड अभियान के जिम्मेदार अधिकारियों की अनदेखी साफ झलक रही है झील सौंदरीकरण में पंद्रहवा वित्त आयोग से 14.99 लाख रुपया लगाया गया और ऐसे बहुत से निधि होंगे जो कि उस निधियों से रुपया लगाए गए होंगें। ऐसा लगता है झील सौंदर्य करण योजना से ग्राम प्रधान और क्षेत्र पंचायत सदस्य ब्लॉक प्रमुख विकास खंड के अधिकारियों को लाभ पहुचाने के लिए बनाया गया। मजे की बात यह है कि कोई बड़ा अधिकारी कभी इस झील को जांच नहीं किया होगा जिसके उद्घाटन के समय फोटो खिंचवाने के लिए ताते लगें थे। उसके बाद से कोई अधिकारी वहां जांच करने नहीं गया होगा कि वह कैसे बन रही है। प्रश्न तो उठाना मुनासिफ है क्योंकि करोड़ का सवाल है सरकार के रुपए को उसे झील में दफन कर दिया गया। कुछ दिन पहले जिला अधिकारी अविनाश सिंह सुर्खियों में रहते थे झील के सौंदर्य करण को लेकर। फिलहाल झील में लगाए गए रूपयों का कौन होगा जिम्मेदार आखिर झील सौंदर्य करण में जमकर किया गया भ्रष्टाचार अगर झील सौंदर्य करण को लेकर जांच कमेटी बैठती है तो भ्रष्टाचार का होगा बड़ा खुलासा फिलहाल या देखने वाली बात होगी की सरकार के रुपए को कैसे झील में दफन कर दिया गया।

*विकासखंड अधिकारी से दूरभाष पर नहीं हुआ संपर्क*

झील सुंदरीकरण के बारे में जब विकास खण्ड अधिकारी से दूरभाष से संपर्क करके जानकारी लेना चाहा गया तो घंटी तो बज रही थी लेकिन रिसीव नहीं किया गया।

*ग्राम पंचायत अधिकारी का बयान*

ग्राम सचिव से दूरभाष से संपर्क किया गया तो उन्होंने बताया इस मामले की जानकारी बहुत कुछ तो नहीं बता सकते हैं यह क्षेत्र पंचायत निधि और डीएम साहब जाने की कितने लगत से सौंदर्य करण किया गया और कार्य पूरा हुआ या नहीं इसकी जानकारी हमें नहीं।

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