उत्तर प्रदेशलखनऊ

Varanasi: पुलिस ने बंद कराया धरना, काशी द्वार के विरोध में दो महीने से बैठे थे किसान; इस सपा प्रत्याशी पर FIR

Varanasi News: बताया जा रहा है कि बीते 19 अप्रैल को प्रिया सरोज ने बिना अनुमति के तहसील पिंडरा में काशी द्वार के विरोध में धरने पर बैठे किसानों के बीच जाकर सभा को सम्बोधित किया था। आचार संहिता के उल्लंघन का आरोप लगाते हुए एफएसटी के अधिकारी श्यामनारायण यादव ने फूलपुर थाने पर तहरीर दी थी।

पिंडरा में गत दो माह से काशी द्वार योजना रद्द करने की मांग को लेकर अनवरत धरने पर बैठे किसानों को फूलपुर पुलिस ने आचार संहिता में बिना परमिशन के धरना देने पर बैठने का आरोप लगाते हुए उनके तम्बू को उखाड़ दिया गया।

पुलिस ने किसानों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया। इस बाबत तहसील पर पहुंची आधा दर्जन महिलाओं को हिरासत में लेने के बाद छोड़ दिया गया।

 

दूसरी तरफ, मछलीशहर संसदीय क्षेत्र से पीडीए और सपा प्रत्याशी प्रिया सरोज पर आचार संहिता के उल्लंघन के तहत फूलपुर थाने में एफएसटी की ओर से मुकदमा दर्ज कराया गया है।

क्या है मामला

काशी द्वार योजना के विरोध में किसान तहसील पिंडरा में दो महीने से धरने पर बैठे थे। किसानों को धरना खत्म करने को लेकर डीएम से लगायत पुलिस अधिकारियों के साथ लेकर कई दौर की वार्ता हुई थी।

 

इसी बीच बीती रात फूलपुर पुलिस उच्चाधिकारियों के निर्देश पर चुनाव आचार संहिता लागू होने व धारा 144 लागू होने के बाद भी बिना किसी परमिशन के धरना देने का आरोप लगाते हुए रात्रि में धरने पर बैठे संतोष पटेल व बुजुर्ग गिरधारी पटेल को उठा ले गई।

 

सोमवार की सुबह बुजुर्ग गिरधारी लाल को परिजनों को सुपुर्द कर दिया गया। किसान नेता संतोष पटेल को 151 में चालान कर दिया। इसकी सूचना मिलने पर पीडीए के नेता व केराकत विधायक तूफानी सरोज, मछलीशहर संसदीय क्षेत्र की प्रत्याशी प्रिया सरोज, कांग्रेस जिलाध्यक्ष राजेश्वर पटेल व जिला उपाध्यक्ष राजीव राम समेत अनेक नेता थाने पर पहुंचकर किसान नेता संतोष पटेल को छोड़ने की मांग करने लगे।

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