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एक नालायक बेटा, और मां का दिल
नालायक बेटा, दुनिया ताने दे, मां के दिल में फिर भी, बस तू बसता रहे।

एक नालायक बेटा, और मां का दिल
नालायक बेटा, दुनिया ताने दे,
मां के दिल में फिर भी, बस तू बसता रहे।
तेरी राहें गलत, कदम बहके हुए,
पर मां की दुआएं, सदा तेरे संग जुड़े।
तेरी बातों में जिद, तेरी आँखों में रोष,
फिर भी मां देखे तुझमें, अपना ही जोश।
तेरी हर हार पर, मां का दिल रोता,
तेरी हर जीत पर, उसका हौसला बढ़ता।
दुनिया कहे तुझे, नालायक और बेसहारा,
मां कहे, “मेरा लाल, सबसे प्यारा।”
तेरे झूठ, तेरे छल, मां सब सह जाती,
तेरे आँसुओं की कीमत, वो समझ पाती।
एक मां का दिल, जो तुझसे जुड़ा,
तेरे हर दर्द में, खुद को लिपटा।
नालायक सही, पर मां का सपूत,
उसके सपनों का तू, है अनमोल जूत।
तू सुधर जाए, यही आस लिए,
मां तेरे लिए, हर दिन जिए।
नालायक बेटा, पर मां की दुआ,
तेरे कदमों को, ले जाए सदा।
राकेश कुमार प्रजापति