उत्तर प्रदेशराज्यलखनऊ

एंबुलेंस के इंतजार में स्ट्रेचर पर तड़पता रहा मरीज, KGMU ट्रामा सेंटर से किया गया था लारी कॉर्डियोलॉजी रेफर

मरीज को जो एंबुलेंस आवंटित की वह परिसर में मौजूद ही नहीं थी

लखनऊ। किंग जॉर्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय (केजीएमयू) के ट्रॉमा सेंटर में कर्मचारियों की लापरवाही से हार्ट अटैक का मरीज एंबुलेंस के इंतजार में आधे घंटे स्ट्रेचर पर पड़ा तड़पता रहा। मरीज को आवंटित की गई एंबुलेंस परिसर में मौजूद ही नहीं थी। शिकायत के बाद दूसरी एंबुलेंस आवंटित हुई तो उसमें चालक नहीं था। करीब 45 मिनट बाद मरीज को लारी कॉर्डियोलॉजी की इमरजेंसी में भर्ती कराया जा सका। मरीज की हालत नाजुक बनी हुई है।

बस्ती जिले के करमहिया गांव निवासी संतराम आर्य (60) हार्ट के मरीज हैं। यूरिक एसिड बढ़ा होने से उनका इलाज केजीएमयू के डॉ. विशाल की देखरेख में चल रहा है। सोमवार को वह बेटे यशवंत के साथ ओपीडी में आए थे। बेटे ने बताया कि बीपी बढ़ने और सीने में दर्द की शिकायत पर ट्रॉमा भेज दिया गया। ट्रॉमा में हार्ट अटैक के लक्षण दिखने पर चिकित्सकों ने लारी कॉर्डियोलॉजी ले जाने की सलाह दी। मरीज के साथ बेटे के अलावा दूसरा तीमारदार न होने से दिक्कत का सामना करना पड़ा। बेटे ने कार्यालय से एंबुलेंस की मांग की। आरोप है कि वह एंबुलेंस एलॉट कर दी गई जो परिसर में मौजूद नहीं थी। शिकायत करने पर जिम्मेदारों ने एंबुलेंस का इंतजार करने के लिए कहा। इस बीच करीब आधे घंटे तक मरीज परिसर में फाइबर सेट के नीचे स्ट्रेचर पर पड़ा तड़पता रहा।

सुनवाई न होने पर यशवंत ने लखनऊ में रहने वाले रिश्तेदारों को फोन कर मदद मांगी। मौके पर पहुंच दो रिश्तेदारों ने पीआरओ कार्यालय में संपर्क किया। आरोप है कि वहां कर्मचारियों ने रिश्तेदारों के साथ भी अभद्रता की। कहा अभी तक मरीज के साथ बेटे को छोड़कर कोई नहीं था, अब दो और लोग कैसे आ गए। काफी देर बहस के बाद दूसरी एंबुलेंस एलॉट हुई, लेकिन उस एंबुलेंस में चालक नहीं था। काफी देर बाद चालक मिला। करीब 45 मिनट बाद मरीज को लारी में शिफ्ट कराया जा सका।

मरीज को शिफ्ट कराने के लिए नहीं मिल रहा अटेंडेंट

ट्रॉमा में रोगी सहायता केंद्र बनाया गया है। ट्रॉमा से अन्य विभागों में मरीज को शिफ्ट कराने से जांच के लिए ले जाने तक परिसर में एंबुलेंस का भी संचालन होता है। इसके लिए संस्थान की तरफ से अटेंडेंट (सहायक) भी तैनात किए गए हैं, लेकिन वह मदद के लिए नहीं आते हैं। सोमवार को सारा दिन तीमारदार मरीजों को एंबुलेंस में शिफ्ट करने के लिए कड़ी धूप में जद्दोजहद करते दिखे। इनमें कई मरीज ऑपरेशन के बाद वार्डों में शिफ्ट कराने वाले थे।

लारी में स्ट्रेचर की कमी से आई दिक्कत

लारी कॉर्डियोलॉजी की इमरजेंसी में सोमवार को स्ट्रेचर की कमी के चलते मरीजों को शिफ्ट करने में दिक्कत हुई। ट्रॉमा से एंबुलेंस जरिये आने वाले मरीजों को स्ट्रेचर न होने के कारण एंबुलेंस से उतारा नहीं जा सका। इनमें से कई मरीजों को दोबारा वापस ट्रॉमा सेंटर लाना पड़ा।

आज लारी में मरीजों को शिफ्ट कराने में किन्हीं कारणों से थोड़ा दिक्कत आ रही थी, जिसे बाद में ठीक कराया गया। ट्रॉमा में रहने वाली सभी एंबुलेंस का रिकॉर्ड रहता है। इसके बावजूद एलॉट करने में लापरवाही हो रही है तो जिम्मेदारों से स्पष्टीकरण मांगा जाएगा। ट्रॉमा के अटेंडेंट मरीजों को एंबुलेंस में बैठाने या उतारने में मदद नहीं कर रहे हैं तो उनके विरुद्ध कार्रवाई सुनिश्चित की जाएगी।

-डॉ. प्रेमराज सिंह, प्रभारी ट्रॉमा सेंटर

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