पहलगाम हमला : रॉबर्ट वाड्रा के बयान पर SIT जांच की मांग वाली याचिका खारिज

लखनऊ: हाईकोर्ट की लखनऊ खंडपीठ में पहलगाम की घटना के बाद हाल ही में कांग्रेस नेता रॉबर्ट वाड्रा द्वारा दिये गये कथित विवादास्पद बयान के खिलाफ दाखिल याचिका पर सुनवाई करते हुए न्यायालय ने मामले में सीधे हस्तक्षेप से मना करते हुए याचिका को निस्तारित कर दिया। इसके साथ ही न्यायालय ने याची हिन्दू फ्रंट फिर जस्टिस की अध्यक्षा रंजना अग्निहोत्री से कहा कि उनके पास अन्य कानूनी विधिक वैकल्पिक उपाय है जिसको वो अपना सकती है।
यह आदेश न्यायमूर्ति राजन रॉय और न्यायमूर्ति ओम प्रकाश शुक्ला की खंडपीठ ने हिन्दू फ्रंट फॉर जस्टिस व अन्य की ओर से दाखिल की गयी याचिका पर सुनवाई के बाद पारित किया। याचिका में मांग की गयी थी कि न्यायालय केंद्र सरकार को निर्देश दे कि वह इस मामले में एसआईटी बनाकर रॉबर्ट वाड्रा द्वारा दिए गए उस बयान की की जांच करायी जाय जो उन्होंने पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद दिया था। साथ ही यह भी मांग की गयी है कि भारतीय न्याय संहिता की विभिन्न प्रावधानों के तहत भी वाड्रा पर कार्यवाही का आदेश दिया जाये।
दरअसल 22 अप्रैल को पहलगाम में हुए आतंकी हमले में 26 लोगों की मौत हो गई थी। पहलगाम में आतंकियों ने धर्म पूछकर पहलगाम में घूमने गए पर्यटकों को मौत के घाट उतार दिया था। इस मामले पर रॉबर्ट वाड्रा से मीडिया ने सवाल किया तो उन्होंने इसके लिए देश के माहौल को ही ज़िम्मेदार करार कर दिया।
रॉबर्ट वाड्रा ने कहा कि “इस देश में, हम देखते हैं कि यह सरकार हिंदुत्व की ही बात करती है और देश में अल्पसंख्यक असहज और परेशान महसूस करते हैं। यदि आप इस आतंकवादी कृत्य का विश्लेषण करते हैं, यदि आतंकवादी लोगों की पहचान देख रहे हैं तो वे ऐसा क्यों कर रहे हैं?”
रॉबर्ट वाड्रा ने दावा किया कि सरकार की वजह से देश में हिंदुओं और मुसलमानों के बीच भी एक विभाजन पैदा हो गया है। इससे इस तरह के संगठनों को लगेगा कि हिंदू सभी मुसलमानों के लिए समस्या पैदा कर रहे हैं।