शेरपुर खुर्द महावीर धाम पर चल रही रामकथा
प्रभु श्री राम के चरण रज पाते ही पत्थर से नारी हो गई अहिल्या

रजनीश कुमार प्रजापति ब्यूरो चीफ
गाजीपुर।भांवरकोल (जस्ट एक्शन) जब राम लक्ष्मण गुरु के साथ मिथिला के राजा जनक के यहां धनुष यज्ञ में शामिल होने जा रहे थे तो उन्हें रास्ते में एक आश्रम मिला। जहां एक विशाल पत्थर का टुकड़ा पड़ा था। राम ने जब गुरु विश्वामित्र से इसके बारे में पूछा तो उन्होंने बताया कि यह गौतम ऋषि का विश्रामालय है, यह जो पत्थर देख रहे हो उनकी पत्नी अहिल्या है जो श्राप बस पत्थर हो गई है। तब राम ने अहिल्या को तारना चाहा किंतु सूर्य वंश में स्त्री को पैर से छूना मना था। राम की यह दुविधा देख पवन देव ने अपने झोकों से प्रभु के चरणों की धूल पत्थर पर डाल दिया। चरण रज पाते ही पत्थर से नारी हो गई। अहिल्या को प्रगट होते ही वहां ब्रह्मा, शंकर सहित अनेक देव गण पहुंच गए और भगवान राम का जयघोष करने लगे।
उक्त बाते आजमगढ़ से पधारे ललित गिरी शास्त्री ने शेरपुर खुर्द महावीर धाम पर चल रही रामकथा में कही। इस कथा को सुन श्रद्धालु भावविभोर हो गये।
डॉ0 आलोक कुमार राय, आशीष राय सिंटू, जयप्रकाश राय,अंकुर राय, पंकज पाल, सन्नी राय, दीपू राय, शशिकांत यादव,भजन गायक कल्पनाथ यादव ,नितेश तिवारी, सजंय कनौजिया,उमा वर्मा , नित्यानंद मिश्रा, रामजी गुप्ता, बंटी राय, गोलु राय सहित अन्य श्रद्धालु मौजूद रहे।