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यूपी में पड़ने वाली है भीषण गर्मी, ‘लू’ से बचाव के लिए सरकार ने जारी की गाइडलाइन

लखनऊ। उत्तर प्रदेश में इन दिनों भीषण गर्मी और ‘लू’ के प्रकोप को देखते हुए राज्य सरकार ने बचाव के लिए दिशा-निर्देश जारी किए हैं और लोगों को सतर्क रहने की हिदायत दी गयी है। शनिवार को जारी एक आधिकारिक बयान में कहा गया कि मौसम विभाग ने कई जिलों में अगले कुछ दिनों तक लू चलने की चेतावनी दी है। ऐसे में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने राहत विभाग और स्वास्थ्य विभाग को आवश्यक दिशा-निर्देश जारी किये हैं।

मुख्यमंत्री ने विभाग को प्रदेशवासियों को सतर्क करने एवं लू से बचाव संबंधी सुझाव देने के निर्देश दिये हैं। मुख्यमंत्री के निर्देश पर स्वास्थ्य विभाग ने आम जनता को जागरुक करने के लिए दिशा-निर्देश जारी किए हैं, जिसमें भीषण गर्मी और लू से बचाव संबंधी सुझाव दिये गये हैं। चिकित्सा, स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग के प्रमुख सचिव पार्थ सारथी सेन शर्मा के हवाले से बयान में कहा गया कि मुख्यमंत्री के निर्देश के क्रम में विभाग की ओर से सभी प्रदेशवासियों को लू लगने से बचाव के लिए कई जरूरी सुझाव दिए गये हैं।

उन्होंने बताया कि प्रदेशवासियों को सलाह दी गई है  

-बाहर निकलते समय शरीर को ढक कर रखें, हल्के रंग के आरामदायक कपड़े पहनें और धूप में छाता या चश्मा जरूर लगाएं।

-लगातार तरल पदार्थों का सेवन करते रहें जैसे नींबू पानी, शिकंजी, नारियल पानी आदि। घरों और कार्यस्थलों पर पर्दों या शेड का प्रबंध करें ताकि सीधे सूर्य की किरणें अंदर न आएं।

-खासकर बच्चों, बुजुर्गों और बीमार व्यक्तियों का विशेष ध्यान रखें। वहीं, दूसरी ओर यह चेतावनी भी दी है कि दोपहर 12 से शाम चार बजे के बीच अत्यधिक गर्मी में बाहर निकलने से बचें।

-खाली पेट, अधिक प्रोटीन या बासी भोजन का सेवन न करें। धूप में खड़ी गाड़ियों में बच्चों या जानवरों को अकेला न छोड़ें।

-शराब, चाय, कॉफी, कार्बोनेटेड ड्रिंक आदि का अधिक सेवन न करें। स्वास्थ्य विभाग ने लू से संबंधित बीमारियों के लक्षणों को भी पोस्टरों के माध्यम से साझा किया है।

-इनमें शरीर का तापमान 40 डिग्री सेल्सियस से ऊपर पहुंच जाना, लाल और सूखी त्वचा, चक्कर आना, मांसपेशियों में कमजोरी, सांस फूलना, सिरदर्द, घबराहट, मतली या उल्टी शामिल हैं।

-यदि किसी व्यक्ति को ये लक्षण दिखें तो उसे तुरंत छायादार जगह पर ले जाकर ठंडा पानी पिलाएं, संभव हो तो ठंडे पानी से नहलाएं और तुरंत एम्बुलेंस या चिकित्सक को बुलाएं।

इसके अलावा श्रमिकों और बच्चों के लिए विशेष दिशा-निर्देश जारी किए गए हैं। निर्माण स्थलों पर काम करने वाले मजदूरों के लिए आवश्यक है कि उन्हें नियमित अंतराल पर विश्राम दिया जाए और उनके लिए ठंडी और छायादार जगह की व्यवस्था हो। भारी श्रम कार्यों को सुबह या शाम के समय में कराया जाए। योगी ने निर्देश दिया है कि श्रमिकों की निगरानी के लिए तुरंत “मित्र प्रणाली” लागू की जाए। इसके तहत साथी एक-दूसरे की सेहत का ध्यान रखेंगे और आवश्यकता पड़ने पर प्राथमिक चिकित्सा उपलब्ध कराएंगे।

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