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छात्रवृत्ति योजनाओं में बदलाव, अब हर किसी को नहीं मिलेगी Scholarship, जानें नियम

लखनऊ। राज्य सरकार ने छात्रवृत्ति योजनाओं में सुधार के लिए महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं। अब छात्रों को वार्षिक के बजाय सेमेस्टर आधार पर छात्रवृत्ति प्रदान की जाएगी। सभी वर्गों के लिए एकसमान नीति लागू होगी। फर्जी छात्रों द्वारा छात्रवृत्ति के दुरुपयोग को रोकने के लिए फेस रिकॉगनेशन आधारित उपस्थिति प्रणाली शुरू की जाएगी। बजट की कोई कमी नहीं होगी। इसके लिए आधुनिक तकनीक आधारित पोर्टल विकसित किया जाएगा, जिसमें मोबाइल ऐप नोटिफिकेशन जैसी सुविधाएं उपलब्ध होंगी। मंगलवार को भागीदारी भवन में समाज कल्याण, पिछड़ा वर्ग और अल्पसंख्यक कल्याण विभागों के मंत्रियों की बैठक में इस पर सहमति बनी।

बैठक में तीनों विभागों के निदेशकों की संयुक्त टीम गठित करने का निर्णय लिया गया। यह टीम छात्रवृत्ति वितरण में आने वाली समस्याओं का समाधान करेगी। यदि तकनीकी कारणों से किसी छात्र की छात्रवृत्ति रुकती है, तो उसे तकनीकी बाधा दूर करने का अवसर दिया जाएगा और उसे छात्रवृत्ति से वंचित नहीं किया जाएगा।

कुछ माह पूर्व समाज कल्याण विभाग को छात्रवृत्ति और शुल्क प्रतिपूर्ति योजनाओं के लिए नोडल विभाग नियुक्त किया गया था। विभाग ने छात्रवृत्ति प्रणाली के परिवर्तन के लिए छह सदस्यीय टीम बनाई थी, जिसने मंगलवार को अपना प्रस्तुतीकरण दिया।

इस दौरान अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री ओम प्रकाश राजभर, पिछड़ा वर्ग कल्याण राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) नरेंद्र कश्यप, समाज कल्याण राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) असीम अरुण और अल्पसंख्यक कल्याण राज्यमंत्री दानिश आजाद के साथ तीनों विभागों के प्रमुख सचिव और निदेशक मौजूद रहे। प्रस्तुतीकरण में समाज कल्याण राज्यमंत्री ने छात्रों को छात्रवृत्ति प्राप्त करने में आने वाली समस्याओं और विभागीय कठिनाइयों पर प्रकाश डाला। इन कठिनाइयों के समाधान पर भी विस्तृत चर्चा हुई।

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