अयोध्याउत्तर प्रदेशराज्य

सामाजिकता एवं ऐतिहासिकता पर हुआ नाटक का मंचन

शानदार रामलीला का अभिनय प्रस्तुत किया

हैदरगंज, अयोध्या।
श्री रामलीला समिति हैदरगंज ने अपने 65 वें वर्ष में भी शानदार रामलीला का अभिनय प्रस्तुत किया । छठवें दिन लक्ष्मण शक्ति व कुंभकरण वध के प्रदर्शन पर भगवान राम के विलाप को सुनकर दर्शकों की आंखों से आंसू छलक पड़े । दस दिनों तक लगातार दिन में आयोजित होने वाले रामलीला के अंतिम तीन दिनों की रात्रि में सामाजिकता एवं ऐतिहासिकता पर नाटक का मंचन किया जाता है ।
अभिनय करने वाले युवक पोस्ट ग्रेजुएट से कम नहीं है जो नौकरी पेसा से जुड़े व्यवसाई हैं । परंतु इस समिति के पास अभिनय के लिए अपनी कोई जमीन नहीं है । और समिति का रजिस्ट्रेशन भी नहीं हुआ है ।
थाना हैदरगंज क्षेत्र की हैदरगंज मुख्य बाजार में वर्ष 1958 से प्रतिवर्ष आयोजित होने वाली श्री रामलीला समिति अपने कार्यक्रमों के तहत छठवें दिन दिन में आयोजित लक्ष्मण शक्ति एवं कुंभकरण वध का जो मनोहरी सजीव चित्रण किया उससे श्रोता मंत्र मुक्त ही नहीं बल्कि भगवान राम के विलाप सुनकर दर्शकों के आंखों से आंसू भी छलकने लगे ।
भगवान राम का पात्र अभिषेक अग्रहरि , लक्ष्मण का दिलीप अग्रहरि , हनुमान का सचिन अग्रहरि , अंगद का अंकित अग्रहरि , मेघनाथ का उदित सर्राफ उर्फ प्रियांशु जिला पंचायत सदस्य , तो वहीं रावण का अंकित श्रीवास्तव , कुंभकरण का अनिल यादव , विभीषण का दिनेश यादव , सुग्रीव का संजय सिंह , सुषेन वैद्य की भूमिका छीछी अग्रहरि , नाम बेहतर ढंग से निर्वाह किया । मेले में तथा रात्रि नाटक के दौरान भीड़ को नियंत्रित करने व शांति व्यवस्था बनाए रखने के लिए हैदरगंज पुलिस के पसीने छूट जाते हैं । मेले में दर्शक के रूप में राकेश यादव , सुदामा , अजीत , केके श्रीवास्तव, प्रदीप , अमरनाथ जैसे वरिष्ठ नागरिकों के अलावा सैकड़ों महिलाओं एवं पुरुषों की भीड़ जुटी रही । तो वहीं दस दिवसीय लगने वाले मेले की जानकारी देते हुए संस्थापक सदस्य व अध्यक्ष तथा वरिष्ठ भाजपा नेता सियाराम सर्राफ ने बताया कि व्यवस्थापक के रूप में घनश्याम सिंह प्रबंधकीय व्यवस्था सतीश सिंह तथा जयप्रकाश अग्रहरि देखते हैं संचालक मंडल में पवन कुमार गुप्ता , प्रिंस कसौधन , शैलेश कुमार सर्राफ उर्फ प्रीती , संतोष अग्रहरि , तथा शिवकुमार पाठक की अहम भूमिका है । उन्होंने यह भी बताया कि समिति के सभी कलाकार पोस्ट ग्रेजुएट से कम नहीं हैं जो नौकरी पैसा के साथ व्यवसायी एवं जनप्रतिनिधि हैं ।
श्री सर्राफ ने यह भी बताया कि हम लोगों ने हैदरगंज बाजार में रामलीला की शुरुआत सन् 1958 में किया जो आज 65 वर्ष बीत जाने के बाद भी जारी है परंतु रंगमंच के लिए अपनी जमीन न होने के चलते समिति का रजिस्ट्रेशन नहीं हो सका है ।

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