Bihar: अब नतमस्तक हुए नीतीश; मुख्यमंत्री की यह अदा भी पहली बार, सवाल के लिए रोका तो दो बार हाथ जोड़ सिर झुकाया

Bihar. शिवानी सिंह समाचार लेखक
नीतीश कुमार: मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ऐसे तो नहीं थे। क्या हो गया? सवाल उठाना अब लाजिमी है। सीधी बात कहने वाले सीएम नीतीश अब उलझे नजर आते हैं। मीडिया से उन्हें दूर रखा जा रहा। मंगलवार को करीब आए तो टोके जाने पर शीश नवाने लगे। एक नहीं, दो बार।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली केंद्र की भारतीय जनता पार्टी सरकार के खिलाफ विपक्षी एकता का बिगुल फूंकने के लिए 23 जून को पटना में बड़ी बैठक बुलाने वाले मुख्यमंत्री नीतीश कुमार तो यह नहीं ही हैं। उन्हें दवा दी जा रही या कुछ स्वास्थ्य की परेशानी है, यह राजनीतिक बातें हो सकती हैं। लेकिन, सवाल उठना अब लाजिमी है कि नीतीश ऐसे तो कभी नहीं थे। मंत्री के सिर को पकड़ दूसरे से टकराना, मंत्री के सिर पर श्रद्धांजलि सभा का फूल डालना, बिहार विधानमंडल के दोनों सदनों में शादी के बाद गर्भ रोकने को लेकर कही उनकी बातें, फिर उसकी माफी, उसके बाद खुद से उम्रदराज पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी से गर्ममिजाजी में की गई बातें… और अब नीतीश का नतमस्तक होना! सब अजूबा है।
चार महीनों में क्या हुआ आखिर
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से जून के पहले यह उम्मीद किसी ने नहीं की होगी, जो अभी पिछले करीब तीन महीनों से दिख रहा है। जून में उन्होंने पटना में बैठक बुलाई तो राजकीय अतिथिशाला से लेकर होटल तक में जाकर नेताओं से मिले। जुलाई में वह बेंगलुरु की बैठक से लौटे तब भी इस तरह की कोई बात नहीं नजर आती थी। बदलाव अगस्त में दिखना शुरू हुआ। बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार जिस तरह के रहे हैं, अगस्त की मुंबई वाली विपक्षी दलों की बैठक के आसपास से वह खो गए लगते हैं। सितंबर-अक्टूबर में कई ऐसी घटनाएं सामने आयीं, जिनमें सीएम नीतीश अपने रौ में नहीं नजर आए। चकित करते हुए वह मंत्रियों के घर जाने लगे। दफ्तर पर धावा बोलने लगे। जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष राजीव रंजन सिंह उर्फ ललन सिंह के घर आना-जाना बढ़ गया। राष्ट्रीय जनता दल अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव से मिलना बढ़ गया। और, अब ऐसा रूप दिख जा रहा या ऐसी बात बोल रहे कि दूसरे तरह से चर्चा में आ जा रहे।
मंत्री को बीच से हटाकर सिर झुका हाथ जोड़े
मंगलवार को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पंडित जवाहर लाल नेहरु की जयंती और छठ घाटों के निरीक्षण के लिए बाहर निकलते थे। जीतन राम मांझी पर अपने तीखे रुख के बाद से वह मीडिया से दूरी बनाकर चल रहे हैं। मीडियाकर्मी उन्हें बाहर देखकर बात करने का प्रयास लगातार कर रहे, लेकिन वह अनदेखी कर चले जा रहे थे। मंगलवार को भी बात करने का प्रयास ही हो रहा था, लेकिन इस बार नीतीश अनदेखी कर नहीं बढ़े। उन्होंने शीश झुकाकर मीडियाकर्मियों की तरफ हाथ जोड़ लिया। फिर जब मंत्री आगे बढ़ने लगे तो उन्हें सामने से हटाकर दोबारा उसी तरह हाथ जोड़ा और आगे बढ़ गए। नीतीश इन वाकयों से पहले मीडिया पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भाजपा सरकार के दबाव की बात करते रहे हैं, लेकिन ताजा घटनाक्रमों के बाद उनका यह चौंकाने वाला अंदाज चर्चा में है।