वीरांगना ऊदा देवी पासी को इतिहास के पन्नों में नहीं मिला स्थान :डॉ राम अवध पासी
शौर्य दिवस अखिल भारतीय पासी कल्याण परिषद अयोध्या की ओर से बड़ी धूमधाम से मनाया गया

अशोक कुमार वर्मा
दैनिक जस्ट एक्शन
अयोध्या।
सेवानिवृत्ति डॉ राम अवध पासी की अध्यक्षता में सहादतगंज अयोध्या ग्राम बढई का पुरवा स्थान महाराजा बिजली पासी किला सहादतगंज पर वीरांगना ऊदा देवी पासी का 166 वा शौर्य दिवस अखिल भारतीय पासी कल्याण परिषद अयोध्या की ओर से बड़ी धूमधाम से मनाया गया कार्यक्रम का कुशल संचालन अखिल भारतीय पासी कल्याण परिषद के मंत्री राम अवध पासी ने किया सभा को संबोधित करते हुए कहा कि पासी निडर और साहसी होते हैं हम सभी उन्हीं के वंशज है और उन्हीं से से मिलान करते हैं हम किसी से डरते नहीं है अपने सम्मान और स्वाभिमान की लड़ाई हमारे पूर्वजों ने हमेशा लडा है और हम भी इस नक्शे कदम पर चलकर अपने कर्तव्य का निर्वहन करते रहेंगे हम सभी उपस्थित अपने समाज के लोगों से यह कहना चाहते हैं कि हम एक जुट होकरके संगठन में रहकरके काम करें और हर सुख दुख में एक दूसरे के शरीक रहे यही आप सभी से हमारा निवेदन है कार्यक्रम में कोषाध्यक्ष लल्लन पासी ने कहा कि हम सभी आपस में मतभेद ना रखें हम सभी भाई हैं और एक दूसरे का सहयोग करें विधि सलाहकार डॉ साहब शरन एडवोकेट ने भी सभा को संबोधित किया तहसील अध्यक्ष रामदीन रावत और ब्लॉक अध्यक्ष माताफेर रावत ने भी अपने विचार रखें हनुमान प्रसाद, रामबली रावत ,विजय कुमार रावत, और राजपाल रावत ने भी सभा को संबोधित किया स्वतंत्रता संग्राम में अनेकों अनेक वीरू वीरांगनाओं ने देश की आजादी के लिए अपने प्राणों की कुर्बानी दे दी है *उनका नाम इतिहास के पन्नों में नहीं लिखा गया है* उनका नाम छुपाया गया है जिनका नाम इतिहास के पन्नों में होना आवश्यक था उसी में से वीरांगना ऊदा देवी पासी भी हैं पासी समाज को दबाया गया और पासी के इतिहास को मिटाया गया है इसे पासी समाज को समझना चाहिए वीरांगना ऊदा देवी पासी के पखति मक्का पासी बेगम हजरत महल की सेना में एक सैनिक थे जो अंग्रेजों से संघर्ष करते हुए चिनहट लखनऊ में वीरगति को प्राप्त हो गए थे ऊदा देवी पासी अपने पति की शहादत का बदला लेने के लिए आतुर थी उन्होंने धैर्य और साहस से काम लिया शीघ्र ही सिकंदर बाग लखनऊ में मौका मिल गया उन्होंने अपनी बंदूक से 36 अंग्रेजों को मार गिराया और अपने पति मक्का पासी की शहादत का बदला चुकाया यह बात अखिल भारतीय पासी कल्याण परिषद के कार्यक्रम में पदाधिकारी ने कहीं हमें अपने पूर्वजों महापुरुषों का सम्मान करना चाहिए उन्होंने महाराजा बिजली पासी, महाराजा लाखन पासी, महाराजा सुहेलदेव पासी, महाराजा सातन पासी ,वीरांगना ऊदा देवी पासी ,आदि राजाओं एवं वीरांगनाओं के जीवन पर प्रकाश डाला साथ ही साथ वक्ताओं ने कहा कि पासी समाज की कहानी कमजोर नहीं है यह कहते हुए समाज के विकास पर जोर दिया । अन्य वक्ताओं ने अपने-अपने विचार रखें ऊदा देवी पासी 10मई 1857 से शुरू हुई चिनहट की लड़ाई अंग्रेजी सेना हेनरी लॉरेंस की फौज मैदान छोड़कर भाग खड़ी हुई इसी पूर्व लड़ाई में वीरांगना ऊदा देवी पासी के पति मक्का पासी मारे गए थे उन्हीं के शहादत का बदला चिनहट लखनऊ के महासंग्राम की अगली सिकंदर बाग की लड़ाई 16 नवंबर 1857 को बोलिंन कैंपबेल के नेतृत्व में हुई जिसमें ऊदा देवी पासी पुरुष पोशाक में लखनऊ के सिकंदर बाग के एक पीपल के पेड़ पर चढ़कर 36 अंग्रेजी सैनिकों को मार गिराया वाजिद अली शाह ने स्त्रियों का एक सुरक्षा दत्ता मंगाई थी जिसकी कमांडर वीरांगना ऊदा देवी पासी थी इस लड़ाई में अंग्रेजी अफसर मारे गए कपूर और लेंसडन समेत 36 अंग्रेजी सैनिक ब्रिटिश अर्जेंट फारवर्ड मिशेल भी शामिल थे। संग्राम में अंग्रेजी सैनिक से ऊदा देवी पासी ने डटकर मुकाबला किया इनका जन्म लखनऊ के पास उजिरियावा गांव में हुआ था इनके प्रति लोकगीत है।कोई उनको हबसी कहता ,कोई कहता नीच अछूत। अबला कोई उन्हें बतलाये, कोई कहे उन्हें मजबूत।वीरांगना ऊदा देवी पासी शौर्य दिवस कार्यक्रम में साधूराम पासी, सालिकराम पासी, उर्मिला पासी, गुड़िया भारती ,महावीर , सियाराम पासी ,पहलाद पासी ,रामदीन पासी, जोखनपासी ,राधेश्याम पासी, रामनरेश ,महिमा, ममता व अखिल भारतीय पासी कल्याण परिषद अयोध्या के तमाम वरिष्ठ पदाधिकारी पासी समाज के अग्रज, सदस्य व शुभचिंतक महिलाएं बच्चे भारी मात्रा में ईस्ट मित्र मौजूद रहे।