एफ सी आई गोदाम का उपजिलाधिकारी जखनियां कमलेश कुमार सिंह जखनिया ने किया औचक निरीक्षण।

रजनीश कुमार प्रजापति ब्यूरो चीफ
गाजीपुर, जखनियां।(जस्ट एक्शन)। आज़ जखनिया एफ सी आई गोदाम पर उप जिलाधिकारी कमलेश कुमार सिंह औचक निरीक्षण करने पहुंचे जिसमें पत्रकारों के द्वारा पूछे जाने पर उपजिलाधिकारी कमलेश कुमार सिंह ने बताया कि काफी कमियां पाई गई
पहली कमी तो यह है कि बिना बैनर, पोस्टर लगाए चल रही धान की खरीद।
दूसरी कमी यह है कि चार नापतोल के कांटे होने के वावजूद भी एक ही कांटे से किया जा रहा नापतोल
वही जब एसडीएम जखनिया ने कांटा की नापतोल सही है या गलत इसके लिए सरकारी बाट मांगने लगे तो मार्केटिंग इंस्पेक्टर पीयूष चौहान ने कहा कि बाट मेरे पास नहीं है।
तब एसडीएम जखनिया कमलेश कुमार ने कहा कि किसान अगर कांटे से संतुष्ट होना चाहता है तो किस तरह से संतुष्ट होगा इस सवाल पर मार्केटिंग इंस्पेक्टर पियूष चौहान की बोलती बंद रही।
1 दिन में कम से कम 300 कुंतल धान की खरीदारी करनी है तो एक कांटे से किस तरह की जाएगी इस बात पर भी मार्केटिंग इंस्पेक्टर मौन रहे।
वही जब पत्रकारों ने किसानों से जानना चाहा तो किसानों ने नाम न बताने के शर्त पर कहा कि किसानों का धान कम व्यापारियों का ज्यादा खरीदारी की जाती है।
कुछ किसानों के द्वारा यह भी बताया गया कि कुंतल के पीछे दो से तीन किलो कटौती भी की जाती है।
एक कांटे से तोल करने से किसानों को 3:00बजे रात से लेकर शाम तक अपने ट्रैक्टरों को लाइन में खड़ा कर इंतजार करना पड़ता है।
किसानों ने यह भी बताया कि अगर किसी व्यापारी की गाड़ी आ गई तो किसी न किसी तरह से सबसे पहले तौल करा दी जाती है।
सोचने वाली बात यह है कि सरकारी बाट रख्खे बगैर इलेक्ट्रॉनिक कांटों से किसानों को किस तरह से वह संतुष्ट करगे ।जबकि एसडीएम जखनिया के द्वारा कई बार इस शब्द को दोहराया गया लेकिन मार्केटिंग इंस्पेक्टर निकले पीयूष चौहान द्वारा चुप्पी साध ली गई।
जहां पर चार कांटों से तौल होनी चाहिए वहां पर सिर्फ एक कांटे से तौल हो रही है तो वहां के किसानों को कितनी परेशानियां उठानी पड़ती होगी यह बताने की जरूरत नहीं है।
एसडीम महोदय ने यह कहकर वहां से चलते चलते की दोबारा आऊंगा तो नापतोल का सरकारी बटखरा जरूर होना चाहिए और जो कमियां है उसकी जांच कर आऊंगा।