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उत्तर प्रदेश के इन 2 बड़े जिलों के बीच रेलमार्ग होगा फोरलेन, 45 मिनट में पूरा सफऱ होगा पूरा

UP, Lucknow-Kanpur Railway : उत्तर प्रदेश के लखनऊ से कानपुर का रेलखण्ड सपोर्टिंग लाइन की तरह जुड़ा हुआ है। इस सेक्शन की खराब हालत के चलते ट्रेनों को 80 से सौ किमी प्रति घंटे से अधिक की रफ्तार पर नहीं चला सकते थे। लेकिन अब उत्तर रेलवे लखनऊ मंडल के डीआरएम डॉ. मनीष थपल्याल व सीनियर डीसीएम रेखा शर्मा के सहयोग से लखनऊ-कानपुर रेलखण्ड के स्टेशनों का अपग्रेडेशन कराया गया।

दिल्ली से मुम्बई व दिल्ली से हावड़ा, यह देश के दो प्रमुख रेलखण्ड हैं। हावड़ा की मेनलाइन वाराणसी के रास्ते से होकर गुजरती है, जिसमें लखनऊ से कानपुर का रेलखण्ड सपोर्टिंग लाइन की तरह जुड़ा हुआ है। इस सेक्शन की खराब हालत के चलते ट्रेनों को 80 से सौ किमी प्रति घंटे से अधिक की रफ्तार पर नहीं चला सकते थे। जबकि इसके आगे के रूट पर ट्रेनें 130 की रफ्तार तक चलती हैं। ऐसे में उत्तर रेलवे लखनऊ मंडल के डीआरएम डॉ. मनीष थपल्याल व सीनियर डीसीएम रेखा शर्मा के सहयोग से लखनऊ-कानपुर रेलखण्ड के स्टेशनों का अपग्रेडेशन कराया गया

इंटरलॉकिंग हुई और नए स्लीपर भी जरूरत के मुताबिक बिछाए गए, जिससे ट्रैक की दशा बेहतर हुई। वहीं अब दो दशक पुराने प्रोजेक्ट पर काम शुरू कर दिया गया है, जिसके तहत लखनऊ से कानपुर के बीच दो नई रेलवे लाइनों को बिछाया जाना है। अभी इस रेलखण्ड पर दो लाइनें हैं। फोरलेन हो जाने पर ट्रेनों की संख्या व स्पीड, दोनों बढ़ाई जा सकेंगी।

 

रेलवे अधिकारियों ने बतायाकि तीसरी व चौथी लाइन के लिए सर्वे होगा, जिस पर 45 लाख रुपये खर्च आएगा। इसके बाद नई लाइनों को बिछाने का काम होगा। सूत्र बताते हैं कि सर्वे का काम इस साल पूरा हो जाएगा, जबकि लाइनों को बिछाने का काम अगले वर्ष से शुरू हो सकता है। हालांकि, आधिकारिक तौर पर अफसर लाइनों के बिछाने की मियाद पर कुछ नहीं बोल रहे हैं।

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