उत्तर प्रदेशलखनऊ

Health: ‘हमें अलर्ट रहने की जरूरत, पर घबराने की नहीं’, उच्च स्तरीय समीक्षा बैठक में बोले मंडाविया

बैठक में स्वास्थ्य सुविधाओं और तैयारियों के साथ ही संक्रमण की रोकथाम के उपायों पर चर्चा की गई। बता दें, कोरोना के नए वैरिएंट JN.1 का पहला मामला आठ दिसंबर को केरल में मिला था।

: कोरोना के मामलों में तेजी से बढ़ोतरी हुई है। भारत में एक बार फिर से कोरोना महामारी पैर पसार रहा है। कोरोना के नए वैरिएंट JN.1 से लोगों में डर पैदा कर दिया है। इस बीच, केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मंडाविया ने बुधवार को कोरोना के बढ़ते केसों और सांस लेने संबंधी बीमार लोगों की बढ़ती संख्या को देखते हुए राज्यों के साथ एक उच्च स्तरीय समीक्षा बैठक की।

बैठक मेंं इन लोगों ने लिया भाग

बैठक में सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के स्वास्थ्य मंत्रियों, अधिकारी समेत कई लोग शामिल हुए। इस दौरान स्वास्थ्य सुविधाओं और तैयारियों के साथ ही संक्रमण की रोकथाम के उपायों पर चर्चा की गई। बता दें, आईसीएमआर के निदेशक डॉ. राजीव बहल, नीति आयोग के सदस्य डॉ. वीके पॉल और आईसीएमआर की पूर्व महानिदेशक डॉ. सौम्या स्वामीनाथन ने भी इस बैठक में भाग लिया।

 

 

यह एक-दूसरे के साथ मिलकर काम करने का समय

कोविड-19 पर समीक्षा बैठक में केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ. मनसुख मंडाविया ने कहा, ‘यह एक-दूसरे के साथ मिलकर काम करने का समय है। साथ ही संपूर्ण सरकार दृष्टिकोण के साथ मिलकर काम करने का समय है। हमें अलर्ट रहने की जरूरत है, लेकिन घबराने की जरूरत नहीं है।’

 

उन्होंने कहा कि अस्पताल की तैयारी, निगरानी बढ़ाने और लोगों के साथ प्रभावी संचार के मॉक ड्रिल के साथ तैयार रहना महत्वपूर्ण है। हर तीन महीने में एक बार सभी अस्पतालों में मॉक ड्रिल की जानी चाहिए। उन्होंने कहा, ‘मैं राज्यों को केंद्र की ओर से सभी प्रकार के समर्थन का आश्वासन देता हूं। स्वास्थ्य राजनीति का क्षेत्र नहीं है।’

 

निवारक उपाय सुनिश्चित करने का आग्रह

मंडाविया ने सभी राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों से सर्दियों के मौसम और आगामी त्योहारों के दौरान ठंड की स्थिति को देखते हुए निवारक उपाय सुनिश्चित करने का आग्रह किया।

केरल में मिला था JN.1 का पहला केस

आपको बता दें, कोरोना के नए वैरिएंट JN.1 का पहला मामला आठ दिसंबर को केरल में मिला था। 79 साल की एक बुजुर्ग महिला में ये संक्रमण पाया गया था। वहीं, विदेश में भी कोरोना से हाहाकार मचा है। सबसे बुरा हाल सिंगापुर का है, जहां एक हफ्ते के अंदर करीब 56 हजार से ज्यादा मरीज सामने आए हैं। वहीं मलेशिया, इंडोनेशिया में भी लगातार मरीजों की संख्या में बढ़ोतरी हो रही

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