ऋण जालसाजी : बैंक कर्मचारी ही नहीं, सीए भी जांच के दायरे में

मास्टरमाइंड को पुलिस ने लिया रिमांड पर, कई राज से उठा पर्दा
रिमांड पर आए रुद्रांश और रियाज को आमने-सामने बैठाकर पुलिस ने की पूछताछ
गोरखपुर। फर्जी दस्तावेज पर बैंक से 4.45 करोड़ रुपये की ठगी करने के मास्टरमाइंड रुद्रांश पांडेय को पुलिस ने रविवार को रिमांड पर ले लिया। आरोपी रियाज के सामने ही उसे भी पुलिस ने बैठाया और पूछताछ की तो कई और राज से पर्दा उठ गए हैं। जांच में पता चला है कि बैंक में कई स्तर से चूक की गई है। दस्तावेजों को बिना पूरी तरह से सत्यापित किए ही इतनी बड़ी रकम ऋण के रूप में दे दी गई
अब पुलिस की जांच के दायरे में सीए भी आ गया है। पुलिस उसकी भूमिका की भी जांच शुरू कर दी है। उधर, पुलिस ने रविवार को पत्र जारी कर बैंक अफसर से पूछा है कि वह खुद बता दें कि कौन-कौन से लोग ऋण देने में चूक किए हैं। उनका नाम, पद सहित पूरा ब्योरा मांगा गया है।
इस पूरे प्रकरण का पर्दाफाश खुद बैंक के ही चीफ मैनेजर के प्रार्थनापत्र के बाद हुआ है। चीफ मैनेजर ने पूरे प्रकरण में घोटाला पकड़ा और फिर केस दर्ज कराया। पुलिस ने केस दर्ज कर जांच शुरू की तो मास्टरमाइंड रुद्रांश पांडेय गिरफ्त में आ गया। इसने ही फर्जी दस्तावेज पर बैंक से ऋण लिया था। इसने फर्जी फर्म भी बनाया था।
अब पुलिस को पता चला है कि ये सब फर्जीवाड़े की जानकारी सीए (चारटेड एकाउंटेंट) को भी दी। उसके भी गिरोह का हिस्सा होने की आशंका पर पुलिस ने जांच को और तेज कर दिया है। दरअसल, पुलिस रविवार को ही मास्टरमाइंड रुद्रांश को 36 घंटे के लिए रिमांड पर ली है। उसके ड्राइवर रहे रियाज को भी पुलिस पकड़ चुकी है।
अब दोनों के आमने-सामने होने के बाद पुलिस को कई और जानकारियां मिल गईं हैं, जिसके आधार पर पुलिस जांच को आगे बढ़ा रही है। अब बैंक की ओर से लापरवाही की मामला सामने आने के बाद पुलिस ने बैंक मैनेजर से ही चूक की जानकारी मांगी है।
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यह हुआ था
बस्ती के मुरलीजोत में रहने वाला रुद्रांश पांडेय अपनी मां अर्चना व पिता राजेश के साथ शाहपुर के राप्तीनगर, ग्रीन वैली में मकान बनवाकर रहता है। मई 2022 को अर्चना व उनके पति राजेश ने आईसीआईसीआई बैंक की मेडिकल काॅलेज रोड शाखा में होम लोन के लिए आवेदन किया। इसके लिए फर्जी दस्तावेज प्रस्तुत करने के साथ ही दूसरे की भूमि को अपना बताकर 31 मई 2022 को 2 करोड़ रुपये लोन पास करा लिया। अगस्त 2022 में बालाजीपुरम राप्तीनगर में रहने वाले रियाज नाम के व्यक्ति ने होम लोन के लिए आवेदन किया। खुद को भारतीय खाद्य निगम का ठेकेदार बताते हुए रियाज इंटरप्राइजेज के नाम से दस्तावेज प्रस्तुत किए। लोन पास कराने की पैरवी रुद्रांश कर रहा था। अगस्त में रियाज का भी 2.45 करोड़ रुपये होम लोन पास हो गया। तीन माह के बाद किस्त जमा न होने पर बैंक के अधिकारियों ने खोजबीन शुरू की तो पता चला कि फर्जी दस्तावेज पर रुद्रांश ने अपनी मां अर्चना व रियाज के नाम पर लोन कराया है। इसके बाद पुलिस ने केस दर्ज कर मुख्य आरोपी को जेल भेजा।
कोट
मास्टरमाइंड को रविवार को पुलिस ने रिमांड पर लिया है। उससे पूछताछ और जांच में बैंक में कई स्तर पर लापरवाही सामने आई है। सीए की भूमिका भी जांच के दायरे में है। बैंक को पत्र भेजकर लापरवाही में शामिल कर्मचारियों का ब्योरा मांगा गया है। पुलिस के हाथ कई अहम सुराग लगे हैं। जल्द ही तथ्यों के आधार पर इस गिरोह में शामिल अन्य आरोपियों को पुलिस गिरफ्तार करेगी।