उत्तर प्रदेशलखनऊ

Spring 2024: ग्रेटर नोएडा के इस मेले की क्या है खासियत जो आ रहे हैं 100 से भी ज्यादा देशों के खरीदार?

IHGF Delhi Mela: दिल्ली एनसीआर के ग्रेटर नोएडा को तो जानते ही होंगे। इसी ग्रेटर नोएडा में बना है इंडिया एक्सपो सेंटर (India Expo Centre)। ग्रेटर नोएडा के इस एक्सपो सेंटर में कल से पांच दिनों के लिए आईएचजीएफ दिल्ली मेला- स्प्रिंग 2024 का आयोजन हो रहा है। इसमें दुनिया भर के 100 से भी ज्यादा देशों के बायर्स आ रहे हैं। आइए जानते हैं इस मेले के बारे में…

हाइलाइट्स

आईएचजीएफ दिल्ली मेला के स्प्रिंग 2024 की शुरुआत मंगलवार को हो रही है

इसमें दुनिया के 100 से भी ज्यादा देशों के खरीदार आ रहे हैं

इसका उद्घाटन केंद्रीय कपड़ा एवं रेल राज्य मंत्री दर्शना जरदोश कर रही हैं

ग्रेटर नोएडा: भारत सरकार के कपड़ा मंत्रालय (Ministry of Textile) के तहत एक संगठन काम करता है हस्तशिल्प निर्यात संवर्द्धन परिषद (Export Promotion Council for Handicraft)। इसी की अगुवाई में कल यानी छह फरवरी से यहां 57वें आईएचजीएफ दिल्ली मेला- स्प्रिंग 2024 का आयोजन हो रहा है। आपको जान कर आश्चर्य होगा कि पांच दिनों तक चलने वाले इस मेले में दुनिया भर के खरीदार जुटते हैं। इसी बार तो 100 से भी ज्यादा देशों के बायर्स आ रहे हैं। इस मेले की शुरुआत कल केंद्रीय कपड़ा और रेल राज्य मंत्री दर्शन जरदोश कर रही हैं। हम बता रहे हैं इसकी खासियत।

इपीसीएच (EPCH) के अध्यक्ष दिलीप बैद ने बताया कि ग्रेटर नोएडा के एक्सपो सेंटर एंड मार्ट (Expo Centre & Mart) में आयोजित हो रहे इस मेले में इस बार होम, फैशन, लाइफस्टाइल, फर्निशिंग और फर्नीचर समेत 14 प्रदर्शन खंडों में समर्पित किया गया है। इसमें उत्पादों की विभिन्न श्रृंखला में घरेलू सामान, घरेलू साज-सज्जा, फर्नीचर, गिफ्ट आइटम्स, लैंप और लाइटिंग, क्रिसमस और उत्सव से जुड़े साज-सज्जा के सामान, फैशन आभूषण और एसेसरीज, स्पा और वेलबीइंग प्रोडक्ट, कालीन एवं गलीचे, बाथरूम के एसेसरीज, हैंडमेड पेपर प्रोडक्ट, चमड़े के बैग, शैक्षणिक खेल-खेलौने आदि प्रदर्शित किए गए हैं।

भारत के जीवंत हस्तशिल्प क्षेत्र को दिखाता है

आईईएमएल के अध्यक्ष राकेश कुमार ने बताया कि आईएचजीएफ मेला- स्प्रिंग 2024 में दुनिया भर के खरीदारों के सामने भारतीय हस्तशिल्प का प्रदर्शन किया जाएगा। देखा जाए तो इसमें भारतीय हस्तशिल्प क्षेत्र के जीवंत पक्ष को दिखाया जाएगा। भारतीय हस्तशिल्प की उत्पादन क्षमता को बढ़ना, प्रोडक्ट की क्वालिटी सुधारना, डिजाइनों में इनोवेशन लाना, नए-नए प्रोडक्ट पेश करना ईपीसीएच की कोशिश है। जिस हिसाब से खरीदारों की संख्या बढ़ रही है, उसे देख कर लगता है कि इस दिशा में और काम करना होगा। तभी भारतीय निर्यातक चीन एवं अन्य प्रतिस्पर्धी देशों के सामने विश्व बाजार में टिक सकेंगे।

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