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यूपी की संभल सीट से सपा सांसद शफीकुर्रहमान बर्क का 94 वर्ष की आयु में निधन

डॉ शफीकुर्रहमान बर्क बयानों को लेकर सुर्खियों में रहते थे, पीएम मोदी भी भी कर चुके हैं तारीफ, जानें-उनसे जुड़ी बातें

जस्ट एक्शन संवादाता ब्यूरो चीफ मनसाफ कुमार
लोकसभा चुनाव से पहले समाजवादी पार्टी को एक और बड़ा झटका लगा है. यूपी की संभल सीट से सपा सांसद डॉ शफीकुर्रहमान बर्क का आज लंबी बीमारी के बाद निधन हो गया. 94 साल की उम्र में उन्होंने अंतिम सांस ली, वो पिछले काफी समय से बीमार चल रहे थे. मुरादाबाद के निजी सिद्धी अस्पताल उनका इलाज चल रहा था जहां आज उन्होंने अंतिम सांस ली
डॉ शफीकुर्रमान बर्क संसद में सबसे बुज़र्ग सांसद थे और सपा के दिग्गज नेताओं में उनकी गिनती होती थी. समाजवादी पार्टी ने 2024 के लिए भी उन्हें संभल सीट से अपना उम्मीदवार बनाया था. उनके निधन के बाद सपा को बड़ा झटका लगा है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी संसद के प्रति उनकी प्रतिबद्धता की सदन में तारीफ चुके थे. वो अक्सर तमाम मुद्दों पर अपनी राय खुलकर रखते थे, जिसके चलते वो सुर्खियों में बने रहते थे.
डॉ शफीकुर्रहमान बर्क का जन्म 11 जुलाई 1930 को उत्तर प्रदेश संभल में हुआ था. उनकी पत्नी का नाम कुरेशा बेगम है. उनका एक बेटा है और एक पोता जियाउर्रहमान बर्क हैं जो वर्तमान समय में यूपी की कुंदारकी सीट से सपा विधायक है. वर्तमान समय में वो संभल सीट से लोकसभा सांसद थे. वो संभल सीट से चार बार विधायक रहे, तीन बार मुरादाबाद से सांसद और दो बार संभल सीट से सांसद रहे थे.
शफीकुर्रहमान बर्क का राजनीतिक करियर 
शफीकुर्रहमान बर्क साल 1974 में भारतीय क्रांति दल पार्टी से संभल सीट से पहली बार विधायक बने थे, इसके बाद वो साल 1977 में जनता पार्टी से, 1985 में लोकदल से, 1989 में जनता दल से संभल के विधायक पद के लिए चुने गए. साल 1996 में समाजवादी पार्टी उन्होंने मुरादाबाद सीट से लोकसभा टिकट दिया और उन्होंने जीत हासिल की. इसके बाद लगातार 1998 और 2004 में वो यहां से सांसद रहे. साल 2008 में वो बसपा में शामिल हो गए और 2009 में फिर संभल से सांसद बने. फरवरी 2014 में बर्क ने सपा का दामन थमा, लेकिन वो हार गए. इसके बाद 2019 में संभल से फिर सपा सांसद चुने गए.

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