उत्तर प्रदेशलखनऊ

Bareilly News: कुतुबखाना पुल आखिरी परीक्षण में भी पास, सीएम योगी के हाथों लोकार्पण की तैयारी

 

सार

सीएम योगी के हाथों कुतुबखाना फ्लाईओवर का लोकार्पण कराने की तैयारी है। महापौर ने पुल का नाम महादेव सेतु रखे जाने का प्रस्ताव किया था। इसे बोर्ड की बैठक में सर्वसम्मति से मंजूरी मिली है। 

विस्तार

बरेली के कुतुबखाना पुल मजबूती के सभी परीक्षणों में पास हो गया। पुल पर 40 किलोमीटर प्रति घंटा की गतिसीमा तय की गई है। अगर इसी रफ्तार से आपका वाहन दौड़ा तो दो मिनट में 1305 मीटर लंबा पुल पार हो जाएगा। कुतुबखाना पुल पर लोड की टेस्टिंग के लिए परीक्षण चल रहे थे।

मशीनों में 150-150 मीट्रिक टन भार रख कर छत की मजबूती परखी गई जिसमें कोई कमी नहीं पाई गई। पुल मजबूती को मानकों पर खरा पाया गया है। अभियंताओं की रिपोर्ट में ओके है। अब पुल के दोनों ओर प्रवेश द्वार बनवाने की तैयारी है। बरेली स्मार्ट सिटी के अधिकारी पुल के लोकार्पण की तैयारी में हैं।

मार्च के पहले सप्ताह में हो सकता है लोकार्पण 

कार्यदायी संस्था मंटेना इंफ्रासोल प्राइवेट लिमिटेड पुल को सेतु निगम के हवाले करेगा और सेतु निगम इसे लोक निर्माण विभाग को सौंपेंगे। भविष्य में पुल की देखरेख लोक निर्माण विभाग के हाथ में रहेगी।

नाथ महोत्सव मार्च के पहले सप्ताह में प्रस्तावित है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को आमंत्रित किया गया है। अगर मुख्यमंत्री आते हैं तो पुल का लोकार्पण उनके हाथों से ही कराया जाएगा।

सेतु निगम के उप परियोजना प्रबंधक अरुण कुमार गुप्ता का कहना है कि कुतुबखाना पुल अब तक किए गए सभी परीक्षण में पास साबित हुआ है। इसकी फिनिशिंग भी लगभग पूरी हो चुकी है। सर्विस रोड का 200 मीटर हिस्सा रह गया है। दो दिन में यह भी बनकर तैयार हो पाएंगा। अब वाहन इस पर फर्राटा भर सकते हैं।

पुल के नाम पर निर्णय लेगा स्मार्ट सिटी बोर्ड

कुतुबखाना पुल के नामकरण पर निर्णय अब स्मार्ट सिटी लिमिटेड को लेना है। नगर निगम का बोर्ड कुतुबखाना पुल का नाम महादेव सेतु किए जाने का प्रस्ताव बुधवार को पारित कर चुका है। अगर स्मार्ट सिटी लिमिटेड की मुहर नए नाम पर नहीं लगी तो नामकरण अटक सकता है।

सीएम के हाथों पुल का लोकार्पण कराने की तैयारी है। महापौर ने पुल का नाम महादेव सेतु रखे जाने का प्रस्ताव किया था। इसे बोर्ड की बैठक में सर्वसम्मति से मंजूरी मिली। अब इसके लिए निर्णय स्मार्ट सिटी लिमिटेड को लेना है, क्योंकि स्मार्ट सिटी लिमिटेड के बजट से ही पुल का निर्माण कराया गया है।

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