उत्तर प्रदेशलखनऊ

Prayagraj : सेतु पर लगा बोर्ड: यह पुल क्षतिग्रस्त है, संभल कर यात्रा करें

सार

इस पुल के दोनों तरफ बैरियर चैनल लगाए जाने के बाद अब सिर्फ दो पहिया वाहनों जबकि समानांतर बने पुल से चार पहिया वाहनों का अवागमन हो रहा है। लोक निर्माण विभाग इस पुल को ध्वस्त करने की योजना बना रहा है, क्योंकि पुल इतना अधिक क्षतिग्रस्त है कि इसकी मरम्मत नहीं हो सकती।

विस्तार

चौक-खुल्दाबाद-करेली को सिविल लाइंस से जोड़ने वाले करीब 50 वर्ष पुराने हाईकोर्ट के पानी टंकी पुल से आवागमन के लिए लोग अब खुद जिम्मेदार होंगे। क्षतिग्रस्त घोषित होने के कारण पुल के दोनों छोर पर बैरियर चैनल लगाकर चार पहिया वाहनों का अवागमन प्रतिबंधित कर दिया गया है। अब इस सेतु के दोनों ओर पुल क्षतिग्रस्त है, संभल कर यात्रा करें …. का बोर्ड भी लगा दिया गया है।

इस पुल के दोनों तरफ बैरियर चैनल लगाए जाने के बाद अब सिर्फ दो पहिया वाहनों जबकि समानांतर बने पुल से चार पहिया वाहनों का अवागमन हो रहा है। लोक निर्माण विभाग इस पुल को ध्वस्त करने की योजना बना रहा है, क्योंकि पुल इतना अधिक क्षतिग्रस्त है कि इसकी मरम्मत नहीं हो सकती।

 

वैसे लोक निर्माण विभाग इस पुल को तोड़ने के बाद क्या इसी स्थान पर कोई दूसरा पुल बनाएगा? इस पर अभी कोई परियोजना प्रस्तावित नहीं है। ऐसे में पुल टूटने के बाद लोगों की समस्याओं में काफी इजाफा हो जाएगा। लोगों का कहना है कि हाईकोर्ट पानी टंकी का पुल शहर के दिल की धड़कन से कम नहीं है।

पुल के क्या हैं लाभ

 

1- यह पुल पुराने और नए शहर के बीच की कड़ी है। खुल्दाबाद, हिम्मतगंज, लूकरगंज, लीडर रोड, करबला, राजरूपपुर, चकिया, बेनीगंज, करेली, सिविल लाइंस सहिन अन्य इलाकों को आपस में जोड़ने का काम करता है।

2- इस पुल से प्रतिदिन दो से तीन हजार वाहनों का आवगमन होता है।

3-हाईकोर्ट पानी टंकी पुल के माध्यम से समय की काफी बचत होती है, क्योंकि इसके विकल्प के तौर पर बने चौफटका तथा जानसेनगंज मार्ग से आने-जाने में 15 से 20 मिनट अतिरिक्त समय लगता है।

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