उत्तर प्रदेशलखनऊ

Master Plan 2031: महायोजना-2031 को मिली हरी झंडी, यूपी के इस जिले को लगेंगे विकास के पंख

अब तक हापुड़ जिले का विकास महायोजना-2005 के आधार पर हो रहा था। इससे पहले वर्ष 2021 में भी महायोजना को स्वीकृति नहीं मिल सकी थी। जिसके बाद अब मंगलवार को महायोजना-2031 की स्वीकृति शासन ने दी है। वर्ष 1985 में पहली बार हापुड़ के विकास के लिए वर्ष 2005 तक के लिए महायोजना बनी थी। उस समय हापुड़ विनियमित क्षेत्र था

हापुड़। लंबे समय बाद हापुड़-पिलखुवा विकास प्राधिकरण की महायोजना-2031 को स्वीकृति मिल गई है। अब तक जिले का विकास महायोजना-2005 के आधार पर हो रहा था। इससे पहले वर्ष 2021 में भी महायोजना को स्वीकृति नहीं मिल सकी थी। जिसके बाद अब मंगलवार को महायोजना-2031 की स्वीकृति शासन ने दी है

अब इसी के आधार पर जिले का विकास होगा। इस योजना में 51 प्रतिशत क्षेत्रफल को आवासीय रखा गया है। महायोजना के पहले चरण में हापुड़ और पिलखुवा क्षेत्र का विकास होना है। दूसरे फेज में ब्रजघाट और गढ़ का विकास होगा।

 

2005 में हापुड़ के लिए लागू हुई थी महायोजना

वर्ष 1985 में पहली बार हापुड़ के विकास के लिए वर्ष 2005 तक के लिए महायोजना बनी थी। उस समय हापुड़ विनियमित क्षेत्र था। वर्ष 1996 में प्राधिकरण क्षेत्र लागू हुआ था। इसलिए वर्ष 2005 में हापुड़ के लिए महायोजना लागू हुई थी। जिसके आधार पर ही अब तक हापुड़ में विकास कार्यों से संबंधित कार्य हुए हैं।महायोजना-2031 को लेकर लगभग डेढ़ साल से जारी प्रक्रिया के दौरान तमाम आपत्तियां मिली थीं। अक्टूबर 2022 से लेकर अब तक कई बार महायोजना का प्रस्ताव शासन को भेजा गया और वहां से आपत्तियां लगकर वापस हो गया था। इसके बाद तीन बार आपत्तियों का निस्तारण कराकर मंडलायुक्त के यहां से प्रस्ताव शासन को भेजा गया था। जहां से अब महायोजना को हरी झंडी मिल गई है।

जिले में महायोजना की स्थिति 

412 हेक्टेयर क्षेत्रफल है हापुड़ महायोजना-2005 के तहत शहरी निर्मित क्षेत्र। 161.126 हेक्टेयर क्षेत्रफल है पिलखुवा महायोजना-2021 के तहत शहरी निर्मित क्षेत्र। 573.13 हेक्टेयर क्षेत्रफल है दोनों महायोजनाओं का।

हापुड़ विकास क्षेत्र की सीमा

विकास क्षेत्र- 345.60 वर्ग किलोमीटर शहरीकरण क्षेत्र- 7492 8920.10 गांवों की संख्या- 102 102 जनसंख्या- 842388 9,98,000

औद्याेगिक शहर के रूप में हापुड़ 

शासन द्वारा निर्गत औद्योगिक नीति के अनुसार हापुड़ शहर के औद्योगिक क्षेत्रों को विकसित किया जाना। शहर की अवस्थापना सुविधाओं यथा सड़क सीवर, पानी, विद्युत, सालिड वेस्ट आदि के उचित प्रबंधन की व्यवस्था करना। उच्च श्रेणी के आवासीय क्षेत्रों का विकासशहर के यातायात व्यवस्था को सुदृण करना। जलाश्यों, बाग-बगीचे एवं संरक्षित क्षेत्रों को सजरा सुपर इम्पोजड कर संरक्षित किया जाना। पर्यावरणीय स्थिरता को बनाए रखना। सामुदायिक सुविधाओं यथा कन्वेंशन सेन्टर, स्टेडियम, मेडिकल एवं शैक्षिक आदि क्षेत्रों का विकास करना।

इन्वेस्टर्स समिट में 1194 करोड़ का निवेश 

हापुड-पिलखुवा विकास क्षेत्र में रियल स्टेट सेक्टर में निवेश के कुल 13 एमओयू प्राप्त हुए हैं। जिनमें से प्राधिकरण में मानचित्र स्वीकृति हेतु प्राप्त चार प्रस्ताव में से तीन मानचित्र स्वीकृत किए जा चुके हैं।

 

इन प्राप्त प्रस्ताव के अन्तर्गत कुल 1194 करोड़ का निवेश सम्भावित है। इससे रोजगार के रूप में 2680 व्यक्तियों को लाभ होने की संभावना है। प्राप्त प्रस्ताव में मुख्य रूप से औद्योगिक, आवासीय एवं व्यवसायिक उपयोग के क्षेत्रों का विकास सम्मिलित है।

आवासीय 4573.23 51.27

 

औद्योगिक 856.45 9.60

 

व्यवसायिक 251.28 2.82

 

कार्यालय 101.88 1.14

 

सार्वजनिक एवं अर्द्ध सार्वजनिक 673.97 7.56

 

मनोरंजन 1535.00 17.21

 

परिवहन 928.29 10.41

 

इस प्रकार हुआ जोन का निर्धारण

जाेनल प्लान्स का चरणबद्ध विकास 

 

जोन प्राथमिकता

 

6,7 और 8 प्रथम फेज

 

3,4 और 5 द्वितीय फेज महायोजना 2031 क्षेत्र को आठ जोन में बांटा गया है। जोन को भौतिक संरचना के आधार पर विभाजित किया गया है और प्राधिकरण बोर्ड में निर्णय लेकर प्राथमिकता के आधार पर चरणबद्ध तरीके से जोनल तैयार किया जाएगा। प्रथम फेज के अन्तर्गत तीन जोन 6, 7 एवं 8 का जोनल प्लान दिसम्बर, 2024 तक तैयार किया जाएगा। हापुड़-पिलखुवा का कंटूर लेवल समुद्र तल से 213 मीटर है। कंटूर लाइन्स क्षेत्र की टेरेन व स्लोप (ढलान) को समझने में सहायक हाेती है। ठोस अपशिष्ट प्रबंधन स्थल क्षेत्रफल 1.50 हेक्टेयर है। जिसमें हापुड़ में एसटीपी क्षेत्र 1.57 हेक्टेयर, पिलखुवा में एसटीपी क्षेत्र 3.92 हेक्टेयर, पिलखुवा में सीईटीपी क्षेत्र 1.84 हेक्टेयर और सालिड वेस्ट मैनेजमेंट साइट क्षेत्र 1.50 हेक्टेयर है। बीते चार माह में 23 अनाधिकृत मामलों में शमन की कार्रवाई करते हुए लगभग सात करोड़ रुपये की आय हुई। 31 अनाधिकृत निर्माण सील किए गए। जबकि, 41 अवैध प्लाटिंग को ध्वस्त कराया गया। हापुड़ में औद्योगिक इकाईयों के रूप में मुख्यतः स्टेनलेस पाइप, सिलाई मशीन, हैण्डलूम एवं प्लाईवुड व कागज उत्पादों की निर्माण इकाईयां सम्मिलित हैं।

 

यह कहते हैं अधिकारी 

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