उत्तर प्रदेशलखनऊ

Electric Rickshaw: पंजीकरण के लिए ई-रिक्शों की धर-पकड़ शुरू, चालकों में मची खलबली

प्रदेश सरकार की ई-रिक्शा नियमावली के अंतर्गत संभागीय परिवहन विभाग में पंजीयन कराने के बाद भी शहरी क्षेत्र में रिक्शा चलाए जाने की अनुमति लेनी होगी। नगर पालिका की ओर से इस नियमावली के पालन के लिए अभियान चलाया गया। पहले दिन लगभग 20 ई-रिक्शों को पकड़ा गया।

हाथरस नगर पालिका की ओर से 11 मार्च को अचानक ई-रिक्शों की धरपकड़ का अभियान शुरू कर दिया गया है। इसके तहत 20 रिक्शों को पकड़ा गया। इनसे अर्थदंड वसूला गया।

प्रदेश सरकार की ई-रिक्शा नियमावली के अंतर्गत संभागीय परिवहन विभाग में पंजीयन कराने के बाद भी शहरी क्षेत्र में रिक्शा चलाए जाने की अनुमति लेनी होगी। नगर पालिका की ओर से इस नियमावली के पालन के लिए अभियान चलाया गया। पहले दिन लगभग 20 ई-रिक्शों को पकड़ा गया। इन ई-रिक्शों के नगर पालिका में पंजीयन किए गए। इसे लेकर ई-रिक्शा संचालकों में खलबली मच गई। बताया गया कि सभी वैध ई-रिक्शा को नगर पालिका की ओर से पंजीयन लेना होगा। अवैध रूप से चलने वाले ई-रिक्शा को नगर पालिका की ओर से कोई पंजीयन नहीं दिया जाएगा। एआरटीओ की तरफ से ऐसे रिक्शों को जब्त करने की कार्रवाई की जाएगी।

देने होंगे सालाना 600 रुपये

नए नियम के चले ई-रिक्श मालिक को सालाना 600 रुपये देने होंगे। शुल्क जमा करने में देरी पर 50 रुपये का जुर्माना भी देना होगा। अगर ई-रिक्शा का प्रयोग माल वाहन के तौर पर वाणिज्यिक प्रयोग किया जा रहा है तो इसके लिए 800 रुपये सालाना देय होगा। प्रभारी ईओ संजय कुमार का कहना है कि ई रिक्शा चालक खुद ही पंजीकरण करा लें, ताकि शहरी क्षेत्र में ई रिक्शा चलाने में दिक्कत न हो।

 

 

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