यूपी: ऑटो चालक का बेटा सेना में लेफ्टिनेंट बना या नहीं…अब सेना की ली जाएगी मदद, तब पता चलेगी सच्चाई

ऑटो चालक के बेटे ने लेफ्टिनेंट बनने का झूठा दावा किया। इस मामले में किरावली पुलिस ने जांच की। पिता को बुलाया गया, लेकिन कोई ठोस साक्ष्य नहीं मिल सका। अब इस मामले में सेना की मदद ली जाएगी।
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आगरा में किरावली के कस्बा मिढ़ाकुर निवासी टेंपो चालक सहेंद्र सिंह के बेटे पंकज सिंह ने लेफ्टिनेंट बनने का झूठा दावा किया। पूरे गांव में प्रचार करके अपना सम्मान भी करा लिया। प्रधान ने भी चयन के दावे की बिना जांच के अभिनंदनपत्र दे दिया। मगर, अब सवाल खड़े हो गए हैं। रिजल्ट की लिस्ट में नाम नहीं होने पर टेंपो चालक से साक्ष्य मांगे गए। वह ठोस साक्ष्य नहीं दे सका। पुलिस की गोपनीय जांच में पता चला कि इस नाम के किसी व्यक्ति का सत्यापन भी नहीं कराया गया।
ब्लाॅक बिचपुरी के कसबा मिढ़ाकुर निवासी टेंपो चालक सहेंद्र सिंह के बेटे पंकज सिंह ने थल सेना में लेफ्टिनेंट के पद पर चयनित होने का दावा किया था। उसके दावे पर प्रधान वंदना सोलंकी और उनके पति मनु सोलंकी ने ग्रामीणों की ओर से अभिनंदनपत्र देकर पंकज को सम्मानित कर दिया। अखबारों में खबर भी प्रकाशित करा ली।
पंकज सिंह ने बताया था कि 4 जुलाई 2023 को सीडीएस परीक्षा का परिणाम आया था। 5 सितंबर को नियुक्तिपत्र मिला। उन्हें अक्तूबर में ओटीए, चेन्नई बुलाया गया। हालांकि पंकज सिंह के चयन के दावे पर स्थानीय लोगों ने सवाल उठाए थे। मामला पुलिस के पास भी पहुंच गया। पुलिस ने पंकज के पिता सहेंद्र सिंह को चौकी पर बुलाया। उनसे चयन के संबंध में दस्तावेज मांगे।
सहेंद्र सिंह ने पंकज की नियुक्ति का एक पत्र दिया, जिसमें पंकज का फोटो लगा था। यह पत्र थल सेना से मिलने के बारे में बताया। पिता ने कहा कि बेटा अभी प्रशिक्षण के लिए गया है। रविवार के दिन बात होती है। संशय होने पर अन्य साक्ष्य मांगे गए। मगर, वो अन्य साक्ष्य नहीं दे सके।
अखबार ने भी पिता से संपर्क किया। मगर, वो ठोस साक्ष्य प्रस्तुत नहीं कर सके। इस संबंध में पुलिस ने बताया कि पिता से साक्ष्य दिखाने को कहा गया था। मगर, वो पत्र के अलावा कोई साक्ष्य नहीं दिखा सके हैं। नियुक्ति के संबंध में सेना की मदद से जांच की जाएगी।