उत्तर प्रदेशलखनऊ

Varanasi News: अपने बयान से मुकरे SGST अधिकारी, नोटिसों से उद्यमी परेशान; प्रदेश भर में अभियान की दी चेतावनी

सार

Varanasi News: इस विकट परिस्थिति में अप्रैल 2020 में सरकार द्वारा नोटिफिकेशन जारी कर राहत देने का कार्य किया गया, जिसमें फरवरी, मार्च और अप्रैल 2020 के टैक्स को अगर जून 2020 तक जमा करा दिया जाता है तो उस पर कोई भी ब्याज की देयता नहीं रहेगी। इस नोटिफिकेशन के बावजूद ब्याज की डिमांड की नोटिसें जारी हो रहीं हैं, जिससे की राज्य सरकार के निर्देश और संकल्प, असफल हो रहे हैं।

विस्तार

एसजीएसटी की ब्याज संबंधित अंधांधुंध नोटिसों से शहर के उद्यमी और व्यापारी त्रस्त हैं। एसजीएसटी विभाग के अधिकारियों संग पूर्व में हुई बैठक में तय हुआ था कि 1000 से कम की नोटिस किसी भी उद्यमी के यहां नहीं जाएंगी। बावजूद, नोटिस भेजकर उद्यमियों का मानसिक और आर्थिक शोषण किया जा रहा है।

यह बातें आईआईए के पदाधिकारियों ने शनिवार को मलदहिया स्थित कार्यालय पर बैठक के दौरान कहीं। उद्यमियों ने चेताया कि यदि उत्पीड़न बंद नहीं हुआ तो फिर प्रदेश भर में अभियान चलाया जाएगा।

 

 

आईआईए के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष आरके चौधरी ने कहा कि वर्ष 2019-20 में समस्त विश्व लॉकडाउन की चपेट में था और टैक्स को जमा कर पाना नामुमकिन था। इस विकट परिस्थिति में अप्रैल 2020 में सरकार द्वारा नोटिफिकेशन जारी कर राहत देने का कार्य किया गया, जिसमें फरवरी, मार्च और अप्रैल 2020 के टैक्स को अगर जून 2020 तक जमा करा दिया जाता है तो उस पर कोई भी ब्याज की देयता नहीं रहेगी। इस नोटिफिकेशन के बावजूद ब्याज की डिमांड की नोटिसें जारी हो रहीं हैं, जिससे की राज्य सरकार के निर्देश और संकल्प, असफल हो रहे हैं।

 

उद्यमी राजेश भाटिया ने कहा कि व्यापारियों द्वारा वार्षिक रिर्टन जीएसटीआर 9 भरा जाता है, जिसमे साफ तौर पे, पिछले साल की आईटीसी अगले साल कैरी फॉरवर्ड किया जाना, दर्शाया जाता है, लेकिन उस रिटर्न को बिना देखे ही ज्यादा आईटीसी लिए जाने की नोटिस जारी कर दी जा रही है। इस कारण छोटे और मंझोले उद्यमियों, व्यापारियों का मानसिक और आर्थिक उत्पीड़न लगातार जारी है।

 

उद्यमी प्रशांत अग्रवाल ने कहा कि ई-वे बिल बनाने में फर्जीवाड़ा किया जा रहा है, जो कि व्यापारियों के लिए बहुत बड़ी परेशानियां खड़ी कर सकता है। कुछ भ्रष्ट तत्त्व, खरीद का बिल न ले के वैल्यू एडिशन पे टैक्स बचाने के लिए किसी और के रजिस्ट्रेशन नंबर पे माल मंगवा लेते है। फर्जी माल मंगवाने वाले को माल मिल जाता है और जिसका रजिस्ट्रेशन नंबर का इस्तेमाल होता है उसको नोटिस मिलती हैं।

 

ऐसी स्थिति से बचने के लिए आईआईए का सुझाव है कि ई-वे बिल के जारी होते ही उसका एसएमएस क्रेता और विक्रेता दोनों के मोबाइल पर आ जाए, जिससे की दोनों में से कोई भी अपने पोर्टल पर जाकर ई-वे बिल को रिजेक्ट कर सके और समय रहते एक्शन लिया जा सके। अभी की व्यवस्था में मैसेज अगले दिन आता है।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button