Varanasi: 3 महीने में 209 लोगों को बंदरों ने काटा, टल रहा अभियान, पशु चिकित्साधिकारी से जवाब मांगने की तैयारी

सार
Varanasi: सदन और कार्यकारिणी में यदि कोई आदेश दिया जाता है तो उसका नियमानुसार पालन करना है। ऐसा नहीं करने पर नगर निगम अधिनियम में कार्यकारिणी और सदन को यह अधिकार है कि वह आदेश का पालन नहीं करने वाले अधिकारी पर दंड लगा सकते हैं। पशु चिकित्साधिकारी ने कहा कि अभी मथुरा की टीम यहां नहीं आई है। फोन से बात की गई है। वे लोग कहीं और फंसे हुए हैं।
वाराणसी नगर निगम के अधिकारियों की कार्यशैली का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि वह कार्यकारिणी से भी झूठ बोलते हैं। नौ मार्च से बंदरों को पकड़ने के अभियान की बात पशु चिकित्साधिकारी डॉ. एके सिंह ने कार्यकारिणी में की थी। जबकि 14 मार्च तक भी अभियान शुरू नहीं हो सका। आगामी बैठकों में उनसे जवाब मांगने की तैयारी है।
नियम है कि सदन और कार्यकारिणी में यदि कोई आदेश दिया जाता है तो उसका नियमानुसार पालन करना है। ऐसा नहीं करने पर नगर निगम अधिनियम में कार्यकारिणी और सदन को यह अधिकार है कि वह आदेश का पालन नहीं करने वाले अधिकारी पर दंड लगा सकते हैं।
पशु चिकित्साधिकारी ने कहा कि अभी मथुरा की टीम यहां नहीं आई है। फोन से बात की गई है। वे लोग कहीं और फंसे हुए हैं। उन्होंने पांच दिन बाद यहां आने की बात कही है। 20 मार्च के आसपास अभियान चलाया जाएगा। तीन माह से अभियान न चलने पर बंदरों का आतंक बढ़ गया है। सरकारी अस्पतालों में भी बंदरों के काटने के मामले अधिक आने लगे हैं।
सीएमओ डॉ. संदीप चौधरी ने बताया कि तीन माह में 209 मामले सामने आए हैं। इन्हें एंटी रेबीज का इंजेक्शन लगवाया जा रहा है। इनके अलावा कुत्ता, गधे, बिल्ली के भी काटने के मामले आते हैं।