Bihar Politics: नीतीश-सम्राट के दल मिले, अब दिल मिलने का इंतजार… सियासी ‘खेल’ में कौन मारेगा बाजी?

मुंगेर से राजग से जदयू के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष सह वर्तमान सांसद राजीव रंजन सिंह (ललन सिंह) का चुनाव लड़ना तय है। उधर बिहार में महागठबंधन दलों के बीच अबतक सीटों का बंटवारा नहीं हुआ है। बावजूद राजद अपने नेताओं को सिंबल देकर क्षेत्र भेज रहा है। मुंगेर पर राजद और कांग्रेस दोनों की नजर है। कांग्रेस का तर्क है कि पिछले चुनाव में यह सीट उनके पास थी।
लखीसराय। लोकसभा चुनाव की तारीख का एलान हो गया है। बिहार में एनडीए के बीच सीटों के बंटवारे की भी घोषणा हो गई है। मुंगेर लोकसभा सीट जदयू को मिली है। हालांकि, अबतक बिहार में भाजपा और जदयू ने अपने प्रत्याशियों के नामों की घोषणा नहीं की है।
अबतक प्रत्याशियों के नामों के सिर्फ कयास लगाए जा रहे हैं। बावजूद मुंगेर से राजग से जदयू के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष सह वर्तमान सांसद राजीव रंजन सिंह (ललन सिंह) का चुनाव लड़ना तय है। उधर, बिहार में महागठबंधन दलों के बीच अबतक सीटों का बंटवारा नहीं हुआ है। बावजूद राजद अपने नेताओं को सिंबल देकर क्षेत्र भेज रहा है। मुंगेर पर राजद और कांग्रेस दोनों की नजर है।
कांग्रेस का तर्क है कि पिछले चुनाव में यह सीट उनके पास थी। इस बार भी उन्हें ही मिलनी चाहिए, ताकि अगड़े का वोट भी लिया जा सके। वहीं, राजद यहां से नवादा के बाहुबली अशोक महतो की पत्नी कुमार अनिता को मैदान में उतारने की तैयारी में है। बिहार में गठबंधन और सरकार में बदलाव के बाद राजनीतिक समीकरण भी बदल गया है।
नीतीश-सम्राट के दल मिले, मगर दिल नहीं!
जदयू ने राजद से अलग होकर भाजपा के साथ मिलकर सरकार तो बना ली है, लेकिन दल मिलने के बावजूद दिल मिलने की चुनौती बरकरार है। बिहार में एनडीए सरकार बनने से पहले इस क्षेत्र का राजनीतिक परिदृश्य कुछ और था। भाजपा नेताओं द्वारा जदयू को कठघरे में खड़ा किया जा रहा था। छठ पर्व में शहर के पंजाबी मोहल्ला में हुई भीषण गोलीकांड और तिहरे हत्याकांड की घटना के बाद भाजपा और जदयू के बीच काफी तल्ख तेवर रहे।