उत्तर प्रदेशलखनऊ

Agra: 12वीं पास ने एटीएम से चोरी करने का खोजा ऐसा तरीका, जानकर पुलिस भी रह गई हैरान; तीन साथी संग गिरफ्तार

सार

आगरा पुलिस ने 12वीं पास ऐसे शातिर को दबोचा है, जो एटीएम से कैश चोरी करने में माहिर है। उसने एटीएम से चोरी करने का ऐसा तरीका खोज निकाला, जिसे जानकार पुलिस भी हैरान रह गई। 

आगरा के ट्रांस यमुना पुलिस ने एटीएम से कैश चोरी करने वाले गैंग के सरगना सहित तीन को गिरफ्तार किया है। सरगना इंटर पास है। वह बिना गार्ड वाले एटीएम में जाते थे। नोट निकलने वाले स्थान पर फाइबर-प्लास्टिक शीट को चिपका देते थे। इससे कैश बाहर नहीं निकलता था। ग्राहक के जाने के बाद शीट को निकालकर कैश चोरी कर लेते थे। गैंग एक जिले में वारदात के बाद दूसरे में जाता था। उनके पास से चोरी की बाइक और मास्टर चाबी बरामद हुई है।

डीसीपी सिटी सूरज राय ने बताया कि एटीएम से कैश चोरी की शिकायत मिल रही थीं। इस पर ट्रांस यमुना थाना के एसओ सुमनेश विकल और उनकी टीम लगी थी। शुक्रवार को गैंग को पकड़ लिया। इनमें फतेहपुर का अभिषेक सिंह चौहान उर्फ संदीप, कानपुर नगर का आशीष सिंह और आलोक सिंह हैं। उनसे चोरी की बाइक, तीन हजार रुपये, नौ डेबिट कार्ड, छह कटी हुई प्लास्टिक की शीट, कटर, फाइबर शीट, काला टेप, एक चाबी, पेचकस, प्लास व बैग बरामद किया गया।

बिना गार्ड वाले एटीएम को बनाते हैं निशाना

पुलिस ने बताया कि आरोपी अभिषेक इंटरमीडिएट पास है। पूछताछ में पता चला कि वह साथियों के साथ एक जिले से दूसरे जिले में घूमता रहता है। ऐसे में एटीएम को निशाना बनाते हैं, जिसमें गार्ड नहीं होता है। एटीएम के कैश बॉक्स के कवर को एक चाबी की मदद से खोल लेते हैं। इसके बाद कैश निकलने वाले स्थान पर फाइबर और प्लास्टिक की शीट फंसा देते हैं। इससे टेप लगाकर चिपका देते हैं। जब लोग रुपये निकालने आते हैं, तब वो लोग आसपास ही खड़े रहते हैं। मशीन चलने पर कैश आता है, लेकिन शीट की वजह से बाहर नहीं आता है। लोग समझते हैं कि एटीएम में रकम नहीं है। उनके खाते से रकम कट जाती है। लोगों को लगता है कि रकम वापस आ जाएगी। बाद में आरोपी रकम को शीट की मदद से बाहर निकाल लेते हैं। एक बार वारदात के बाद फरार हो जाते हैं।

 

शौक पूरे करने के लिए बन गए अपराधी

आरोपी अभिषेक पूर्व में थाना हरीपर्वत से जेल गया था। तब भी एटीएम से चोरी का मामला था। तीनों आरोपी शराब पीने के आदी हैं। युवतियों से मित्रता है। शौक पूरे करने के लिए वारदात करते हैं। जो रकम मिलती है, उसे आपस में बांट लेते हैं।

 

 

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