उत्तर प्रदेशलखनऊ

Bihar Politics: ‘…गोल पर गोल दागते जाइए’, लालू के करीबी ने मोदी सरकार से क्यों कही ये बात?

लालू यादव के करीबी शिवानंद तिवारी ने मोदी सरकार पर निशाना साधा है। तिवारी ने कहा कि आप सामने वाली टीम के खिलाड़ियों के पैरों में बेड़ी लगा दीजिए और गोल पर गोल दागते जाइए। उन्होंने कहा कि 2014 के किसी भी वादे को पूरा नहीं करने वाली मोदी सरकार सिर्फ खैरात बांट कर इस चुनाव को जीतना चाहती है।

पटना। लालू यादव की राजद ने मोदी सरकार पर जोरदार हमला बोला है। राजद के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष व वरिष्ठ नेता शिवानंद तिवारी ने बुधवार को कहा कि इमरजेंसी में ही 1977 का लोकसभा चुनाव हुआ था, लेकिन चुनावी प्रक्रिया में इंदिरा गांधी ने किसी प्रकार छेड़छाड़ नहीं की थी।

तिवारी ने कहा कि सामने वाली टीम के खिलाड़ियों के पैरों में बेड़ी लगा दीजिए और गोल पर गोल दागते जाइए। उन्होंने कहा कि 2014 के किसी भी वादे को पूरा नहीं करने वाली मोदी सरकार सिर्फ खैरात बांट कर इस चुनाव को जीतना चाहती है। लोकतंत्र की सारी मर्यादाओं को तिलांजलि दे कर सरकार की ताकतों का अवैध ढंग से इस्तेमाल किया जा रहा है।

 

AAP की पूरी लीडरशिप जेल में बंद है’

उन्होंने कहा कि आम आदमी पार्टी का पूरा नेतृत्व जेल में बंद है। कांग्रेस पार्टी को कंगाली की ओर धसोर दिया गया है। पंद्रह-सोलह साल पुराना, सीताराम केशरी के जमाने के भी मामले को झाड़ पोंछ कर निकाला गया है। मुख्य विपक्षी दल को पंगु बना दिया गया है।

राजद नेता ने आगे कहा कि अभी महाराष्ट्र में उद्धव ठाकरे की पार्टी ने आमोल कीर्तिकर को मुंबई उत्तर से अपना उम्मीदवार बनाया। उसके कुछ ही देर बाद उनके यहां ईडी की नोटिस पहुच गई। आरोप है कि कोरोना काल में उन्होंने भोजन आपूर्ति में गड़बड़ी की है।

अब कहां है ईडी-सीबीआई और इनकम टैक्स?’

तिवारी ने कहा कि असम से अद्भुत खबर है। टीवी पर भी यह खबर चल रही है वहां भाजपा के गठबंधन के एक नेता पांच सौ रुपये की गड्डी का बिछावन बना कर सोये हुए थे, लेकिन इस मामले में ईडी, सीबीआई या इनकम टैक्स कहां है। स्पष्ट है कि हार की प्रबल संभावना से आतंकित मोदी जी लोकतांत्रिक प्रक्रिया और मर्यादा को तिलांजलि देकर येन केन प्रकारेण प्रधानमंत्री की कुर्सी पर बैठे रहना चाहते हैं।

 

उन्होंने कहा कि स्मरण होगा कि इंदिरा गांधी जी ने इमरजेंसी के दरम्यान लोकसभा का चुनाव कराया था। वे चाहतीं तो लोकतांत्रिक प्रक्रिया को तोड़ मरोड़ कर कुर्सी पर बनी रह सकतीं थीं, लेकिन चुनावी प्रक्रिया में किसी तरह की छेड़छाड़ नहीं हुई थी। वहीं इन लोगों को लोकतंत्र में यकीन ही नहीं है। यह आशंका सही है कि अगर इस चुनाव में यह सरकार बनी रह जाती है तो देश में यह अंतिम चुनाव होगा।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button