
महाराष्ट्र की फडणवीस सरकार में एक बड़ा झोल सामने आया है। महाराष्ट्र सरकार की मंत्री अदिति तटकरे ने कहा कि जांच के दौरान मुख्यमंत्री लाड़ली बहन योजना (Ladki Bahin Yojana) के 2200 से अधिक लाभार्थी सरकारी कर्मचारी पाए गए हैं। महाराष्ट्र सरकार में महिला एवं बाल विकास मंत्री अदिति ने शुक्रवार को सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर इस बात का खुलासा किया है।
लगभग 2 लाख आवेदनों की जांच की गई
उन्होंने कहा कि लाभार्थियों का सत्यापन एक नियमित प्रक्रिया होगी। इसके साथ ही मंत्री अदिति ने कहा, ‘लगभग 2 लाख आवेदनों की जांच के बाद 2,289 सरकारी कर्मचारी मुख्यमंत्री लाड़ली बहन योजना के लाभार्थी पाए गए। यह पता चलने के बाद ऐसे लाभार्थियों को योजना का लाभ नहीं दिया जा रहा है।’
केवल पात्र लाभार्थियों को ही दिया जाएगा लाभ
अदिति तटकरे ने कहा कि सरकार यह सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध है कि केवल पात्र लाभार्थियों को ही लाड़ली बहन योजना का लाभ मिले और इसके लिए आवेदनों की जांच जारी रहेगी।
"लाभार्थ्यांची पडताळणी" ही कोणत्याही योजनेच्या अंमलबजावणीतील सर्वसाधारण व नियमित प्रक्रिया आहे. मुख्यमंत्री माझी लाडकी बहीण योजनेच्या अंमलबजावणीतही ही प्रक्रिया राबवली जाते. या प्रक्रियेत सेवार्थ मधील जवळपास २ लाख अर्जांची पडताळणी केल्यानंतर त्यात सुमारे २२८९ सरकारी कर्मचाऱ्यांनी…
— Aditi S Tatkare (@iAditiTatkare) May 30, 2025
1500 रुपय दिए जाते हैं हर महीने
बता दें कि नवंबर 2024 में होने वाले महाराष्ट्र विधानसभा चुनावों से पहले राज्य की महायुति सरकार ने पिछले साल अगस्त में मुख्यमंत्री माझी लाड़ली बहन योजना शुरू की थी। इसके तहत 21 से 65 साल की आयु वर्ग की पात्र महिलाओं को 1,500 रुपये की मासिक सहायता दी जाती है।
विधानसभा चुनाव के पहले शुरू हुई थी ये योजना
हालांकि, सरकारी कर्मचारी इस योजना के लिए पात्र नहीं हैं। महायुति नेताओं ने विधानसभा चुनावों में सत्तारूढ़ गठबंधन की शानदार सफलता का श्रेय लाड़ली बहन योजना को दिया है, लेकिन यह भी स्वीकार किया है कि इसने राज्य के खजाने पर भारी दबाव डाला है। (पीटीआई के इनपुट के साथ)