UP पुलिस भर्ती पेपर लीक में बिहार का सिपाही निकला मास्टरमाइंड, तीन और आरोपी पकड़े गए

यूपी पुलिस की तरफ से 60 हजार सिपाही पदों पर भर्ती निकाली गई थी। इसके लिए करीब 50 लाख अभ्यर्थियों ने पेपर दिया था। पेपर लीक होने की वजह से मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने परीक्षा रद कर दी है। छह महीने के भीतर दोबारा परीक्षा कराई जाएगी।
लखनऊ: यूपी पुलिस सिपाही भर्ती के पेपर लीक मामले में सिद्धार्थनगर पुलिस ने रविवार को तीन लोगों को बिहार से दबोच लिया। पकड़े गए आरोपितों में पेपर लीक का मास्टरमाइंड बिहार जेल का सिपाही नीरज कुमार वर्मा भी शामिल है। इस बीच, शासन ने आरओ-एआरओ की प्रारंभिक परीक्षा निरस्त करने के बाद बड़ा ऐक्शन लेते हुए यूपी लोकसेवा आयोग (UPPSC) के परीक्षा नियंत्रक अजय कुमार तिवारी को पद से हटा दिया है। उन्हें राजस्व परिषद से संबद्ध किया गया है।
एसपी सिद्धार्थनगर प्राची सिंह ने बताया की पेपर लीक मामले में दर्ज एक मुकदमे में बिहार जेल के सिपाही नीरज कुमार वर्मा की भूमिका सामने आई थी। उसके दो अन्य साथियों छपरा के किशनपुरा निवासी अमित कुमार राय और भोजपुर निवासी राहुल कुमार सिंह को भी गिरफ्तार किया गया है। इन लोगों 200 से अधिक अभ्यर्थियों को पेपर भेजकर लाखों रुपये वसूले हैं।
कई आरोपी हो चुके हैं गिरफ्तार
इससे पहले यूपी एसटीएफ की टीम ने पुलिस भर्ती परीक्षा में सेंधमारी कर पेपर आउट कराने वाले गिरोह के दो आरोपियों को धरदबोचा था। गिरफ्तार किए गए दोनों आरोपियों की पहचान प्रयागराज निवासी अजय सिंह चौहान और सोनू सिंह यादव के रूप में हुई है। STF ने लखनऊ के शहीद पथ स्थित किसान बाजार के पास से की है।
युवाओं के भविष्य से खेलने वाले जेल में सड़ेंगे: योगी
दूसरी ओर, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भरोसा दिलाया है कि यूपी में कोई भी युवाओं के भविष्य के साथ खिलवाड़ नहीं कर सकता। उन्होंने कहा कि किसी ने ऐसा किया तो वह जिंदगीभर जेल में सड़ेगा। उसके बाप-दादा की प्रॉपर्टी भी सरकार जब्त कर लेगी। माना जा रहा है कि मुख्यमंत्री ने यह चेतावनी अनियमितताओं के कारण रद्द की गईं प्रतियोगी परीक्षाओं के मद्देनजर दी है।