
चेन्नई। तमिलनाडु में कोयंबटूर की एक महिला अदालत ने सनसनीखेज पोलाची यौन उत्पीड़न मामले में मंगलवार को सभी नौ आरोपियों को मृत्यु तक आजीवन कारावास की सजा सुनायी। न्यायाधीश आर. नंदिनी देवी ने वर्ष 2019 के मामले की सुनवाई के लिए गठित विशेष अदालत में बंद कमरे में यह ऐतिहासिक फैसला सुनाया। दिन में पहले सभी आरोपियों को दोषी ठहराने के बाद, न्यायाधीश ने दोपहर बाद सभी को मृत्यु तक आजीवन कारावास की सजा सुनायी।
आरोपियों के नाम एन. सबरीराजन उर्फ रिशवंत (32), के. थिरुनावुक्कारासु (34), एम. सतीश (33), टी. वसंतकुमार (30), आर. मणि उर्फ मणिवन्नन (32) पी. बाबू (33), टी. हारोनिमस पॉल (32), के. अरुलानंथम (39) और एम. अरुणकुमार (33) हैं। मामले की जांच करने वाले केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने नौ आरोपियों पर कई आरोप लगाये थे, जिनमें आपराधिक साजिश, यौन उत्पीड़न, दुष्कर्म, सामूहिक दुष्कर्म और एक ही महिला से बार-बार दुष्कर्म शामिल हैं। उन पर यौन संबंधों के लिए पीड़िताओं को ब्लैकमेल करने का भी आरोप लगाया गया था। कुल आठ महिलाओं ने आरोपियों के खिलाफ बयान दिये हैं, जिनमें पहली शिकायतकर्ता 19 वर्षीय एक कॉलेज छात्रा भी शामिल है। इसी छात्रा ने इस भयावह घटना को प्रकाश में लाया।
यौन उत्पीड़न की घटनाएं 2016 से 2018 के बीच हुई थीं। सेलम सेंट्रल जेल में बंद सभी आरोपियों को कड़ी सुरक्षा के बीच अदालत में लाया गया और फैसला सुनाये जाने के लिए न्यायाधीश के सामने पेश किया गया। न्यायाधीश ने कहा कि सभी नौ आरोपियों को भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 376डी (सामूहिक बलात्कार) और 376(2)(एन) (एक ही महिला से बार-बार बलात्कार) के तहत आजीवन कारावास की सजा सुनायी गयी है। अदालत ने आठ पीड़ितों को कुल 85 लाख रुपये देने का आदेश दिया है, जिसके तहत प्रत्येक को 10 लाख रुपये से लेकर 15 लाख रुपये तक का मुआवजा मिलेगा।
सीबीआई के लोक अभियोजक सुरेंद्र मोहन ने कहा, “अदालत ने आरोपियों को दोषी ठहराया और अपराध की गंभीरता और प्रकृति के आधार पर सजा सुनायी। प्रत्येक आरोपी पर 30,000 से 40,000 रुपये तक का जुर्माना लगाया गया, जो सभी नौ आरोपियों के लिए लगभग 1.5 लाख रुपये है।” अखिल भारतीय लोकतांत्रिक महिला संगठन के सदस्यों ने फैसले का स्वागत करते हुए मिठाइयां बांटीं। पोलाची के लोगों ने पटाखे फोड़कर और मिठाइयां बांटकर जश्न मनाया।
गौरतलब है कि इस घटना ने पूरे तमिलनाडु को झकझोर कर रख दिया था। पीड़िता ने आरोपियों के क्रूर कृत्यों को उजागर करने के लिए साहस के साथ आगे आकर अपनी जान जोखिम में डाली, जो वर्षों से कई महिलाओं पर इसी तरह के हमलों में शामिल एक बड़े गिरोह का हिस्सा थे। गिरोह महिलाओं को झूठे प्रलोभन देकर फुसलाया करता था, उनके साथ मारपीट करता था और फुटेज का इस्तेमाल उन्हें ब्लैकमेल करने के लिए किया करता था ताकि वे चुप रहें। छात्रा की शिकायत पर कार्रवाई करते हुए, पुलिस ने शोषण के एक भयानक नेटवर्क का पर्दाफाश किया, जहां आरोपी ने कई वर्षों तक कई महिलाओं के साथ दुर्व्यवहार किया था।