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‘सपा का जन्म ही मुस्लिम तुष्टिकरण के DNA के साथ हुआ’, डिप्टी CM ब्रजेश पाठक का बड़ा हमला

उत्तर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक ने समाजवादी पार्टी और इसके अध्यक्ष अखिलेश यादव पर बड़ा हमला बोला है। ब्रजेश पाठक ने सोमवार को बयान दिया है कि समाजवादी पार्टी का जन्म ही मुस्लिम तुष्टिकरण के डीएनए के साथ हुआ है। उपमुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक ने ये भी आरोप लगाया है कि अखिलेश यादव की पूरी राजनीति का मूल मुस्लिम तुष्टिकरण ही है। ब्रजेश पाठक ने अखिलेश यादव पर आपा खोना का भी आरोप लगाया है।

क्या बोले ब्रजेश पाठक?

उपमुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर लिखा- ” ”डीएनए में खराबी से हमारा मतलब किसी व्यक्ति विशेष से नहीं, बल्कि आपकी पार्टी की राजनीतिक सोच से है। डीएनए में खराबी का मतलब यह है कि आपकी पार्टी की राजनीति की बुनियाद ही जातिवाद और तुष्टीकरण पर टिकी रही है। समाजवादी पार्टी ने कभी सबका साथ-सबका विकास की बात की ही नहीं। आपकी प्राथमिकता हमेशा वोटबैंक की राजनीति रही है, नीतियों और आदर्शों से आपका दूर दूर तक लेना देना नहीं रहा है।”

दलितों के भी खिलाफ है सपा- ब्रजेश पाठक

ब्रजेश पाठक ने अखिलेश यादव पर निशाना साधते हुए आगे कहा- “आपकी पार्टी का डीएनए तो दलितों के भी खिलाफ रहा है। समाजवादी पार्टी के शासनकाल में बार-बार देखा गया कि दलितों के अधिकारों को कुचला गया, उन्हें राजनीतिक रूप से हाशिए पर रखा गया, और उनके साथ अन्याय की घटनाओं में वृद्धि हुई। यह सिर्फ प्रशासनिक विफलता नहीं, बल्कि एक गहरी राजनीतिक मानसिकता को दर्शाता है। इसलिए जब हम कहते हैं कि समाजवादी पार्टी के डीएनए में ख़राबी है तो हमारा सीधा मतलब है कि यह पार्टी सत्ता के लिए समाज को बाँटने में यक़ीन रखती है। जाति, धर्म और वर्ग को देख कर राजनीति करती है।”

अखिलेश यादव ने क्या कहा?

इससे पहले समाजवादी पार्टी ने सोशल मीडिया पर ब्रजेश पाठक के बयान के बाद उनके खिलाफ कथित आपत्तिजनक पोस्ट किया था। हालांकि, समाजवादी पार्टी के प्रमुख अखिलेश यादव ने कहा था कि उन्होंने अपने लोगों से कहा है कि ऐसा दोबारा न हो। अखिलेश यादव ने ये भी उम्मीद जताई थी कि डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक इस तरह के बयान देना बंद कर देंगे।

सीएम योगी ने किया ट्वीट

इस पूरे मामले में सीएम योगी का भी बयान सामने आया है। सीएम योगी ने कहा- “यद्यपि समाजवादी पार्टी से किसी आदर्श आचरण की अपेक्षा करना व्यर्थ है, किंतु सभ्य समाज उनके अशोभनीय एवं अभद्र वक्तव्यों को सहन नहीं कर सकता। समाजवादी पार्टी के शीर्ष नेतृत्व को चाहिए कि वे अपने सोशल मीडिया हैंडल्स की भली भांति समीक्षा करें तथा यह सुनिश्चित करें कि वहां प्रयुक्त भाषा मर्यादित, संयमित और गरिमापूर्ण हो।”

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