गांधीनगर में PM मोदी की गरजना, बोले- “पाकिस्तान प्रॉक्सी वॉर नहीं युद्ध ही लड़ रहा, हम आतंकवाद के कांटे को निकालकर रहेंगे”

गुजरात में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का आज दूसरा दिन है। गांधीनगर में रोड शो के बाद अपने संबोधन की शुरुआत में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि मैं पिछले दो दिनों से गुजरात में हूं, कल वडोदरा, दाहोद, भुज, अहमदाबाद और आज सुबह गांधीनगर गया। जहां भी गया, ऐसा लगा जैसे देशभक्ति की लहर है, केसर सागर की गर्जना जैसी आवाज है। केसर सागर की गर्जना, लहराता तिरंगा और हर दिल में मातृभूमि के लिए अपार प्रेम। यह देखने लायक नजारा था, यह अविस्मरणीय दृश्य था।
“उस कांटे को निकाल के रहेंगे”
पीएम मोदी ने कहा, “शरीर कितना ही स्वस्थ क्यों ना हो, लेकिन अगर एक कांटा चुभता है तो पूरा शरीर परेशान रहता है। अब हमने तय कर लिया है उस कांटे को निकाल के रहेंगे।” अपने संबोधन में प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत ने तीन बार पाकिस्तान को युद्ध में धूल चटाई। हम अपने पड़ोसियों का भी सुख-चैन चाहते हैं। ये हमारा हजारों सालों से चिंतन रहा है, लेकिन जब बार-बार हमारे सामर्थ्य को ललकारा जाए तो ये देश वीरों की भी भूमि है। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान प्रॉक्सी वॉर नहीं युद्ध लड़ रहा है। पहले ही मुजाहिद्दीन को मार देते तो ये दिन नहीं देखना पड़ता। हम आतंकवाद के कांटे को निकालकर रहेंगे।
उन्होंने कहा, “हम इसे छद्म युद्ध नहीं कह सकते, क्योंकि 6 मई के बाद मारे गए लोगों को पाकिस्तान में राजकीय सम्मान दिया गया। उनके ताबूतों पर पाकिस्तानी झंडे लपेटे गए और उनकी सेना ने उन्हें सलामी दी। इससे साबित होता है कि ये आतंकवादी गतिविधियां सिर्फ छद्म युद्ध नहीं हैं, यह उनकी ओर से सोची-समझी युद्ध रणनीति है। अगर वे युद्ध में शामिल हैं, तो जवाब भी उसी के अनुसार होगा।”
“कटनी चाहिए थी जंजीरें पर कट गई बुझाएं”
कांग्रेस पर हमला बोलते हुए पीएम मोदी ने कहा कि कश्मीर पर सरदार पटेल की बात नहीं मानी गई। पहले ही आतंकवादियों को मार देते तो ये दिन नहीं देखना पड़ता। 75 साल से हम आतंकवाद को झेल रहे हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा, “1947 में जब मां भारती का बंटवारा हुआ, ‘कटनी चाहिए थी जंजीरें पर कट गई बुझाएं’। देश तीन टुकड़ों में बंट गया। उसी रात कश्मीर में पहला आतंकी हमला हुआ। मां भारती के एक हिस्से पर पाकिस्तान ने मुजाहिद्दीन के नाम पर आतंकियों का इस्तेमाल कर कब्जा कर लिया। अगर उस दिन ये मुजाहिद्दीन मारे जाते और सरदार पटेल की इच्छा थी कि जब तक पीओके हमें नहीं मिल जाता, तब तक हमारी सेना रुके नहीं, लेकिन किसी ने उनकी नहीं सुनी और अब हम पिछले 75 सालों से आतंकवाद का सामना कर रहे हैं। पहलगाम भी इसका एक उदाहरण था। जब पाकिस्तान से हमारी जंग हुई तो हमने पाकिस्तान को तीन बार हराया।”
सिंधु जल संधि पर पीएम मोदी ने क्या कहा?
गांधीनगर में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा, “मैं नई पीढ़ी को बताना चाहता हूं कि कैसे हमारे देश को बर्बाद कर दिया गया। अगर आप 1960 की सिंधु जल संधि का अध्ययन करेंगे, तो आपको झटका लगेगा। यह तय हुआ था कि जम्मू-कश्मीर की नदियों पर बने बांधों की सफाई नहीं की जाएगी। गाद निकालने का काम नहीं किया जाएगा। तलछट साफ करने के लिए नीचे के गेट बंद रहेंगे। 60 साल तक ये गेट कभी नहीं खोले गए। जिन जलाशयों को 100% क्षमता तक भरना था, वे अब केवल 2% या 3% तक ही सीमित रह गए हैं। अभी, मैंने कुछ नहीं किया है और लोग वहां (पाकिस्तान) पसीना बहा रहे हैं। हमने बांधों की सफाई के लिए छोटे-छोटे गेट खोले हैं, और वहां पहले से ही बाढ़ आ गई है।”
“गुजरात के पास कभी सिर्फ नमक था, और आज हीरे”
गुजरात को लेकर पीएम मोदी ने कहा कि कहां ये राज्य जिसके पास नमक के सिवा कुछ नहीं था, वो आज हीरे के लिए जाना जाता है। कहां नमक और कहां हीरे। हमने योजनाबद्ध तरीके से काम किया।
“चौथे नंबर की अर्थव्यवस्था बने, हम विकास चाहते हैं, प्रगति चाहते हैं”
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, “कल 26 मई थी। 2014 में 26 मई को मुझे पहली बार देश के प्रधानमंत्री के रूप में शपथ लेने का अवसर मिला। उस समय, भारत की अर्थव्यवस्था दुनिया में 11वें नंबर पर थी। हमने कोरोना से लड़ाई लड़ी, पड़ोसियों से भी मुसीबतें झेलीं, प्राकृतिक आपदा भी झेली इसके बावजूद इतने कम समय में हम 11वें नंबर की अर्थव्यवस्था से चौथे नंबर की अर्थव्यवस्था बने, क्योंकि हम विकास चाहते हैं, प्रगति चाहते हैं। हमारा लक्ष्य है, 2047 में हिंदुस्तान को विकसित होना ही चाहिए। हम आजादी के 100 साल ऐसे मनाएंगे कि दुनिया में विकसित भारत का झंडा फहरता रहेगा।”
उन्होंने कहा, “आज हम दुनिया की चौथी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था हैं। मुझे याद है कि हमने छठे से पांचवें स्थान पर पहुंचने का जश्न मनाया था। यह पल विशेष रूप से महत्वपूर्ण था, क्योंकि हमने उसी देश को पीछे छोड़ दिया जिसने 250 वर्षों तक हम पर शासन किया। अब, जब हम चौथे स्थान पर पहुंच गए हैं, तो तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने का दबाव बढ़ रहा है और उससे भी अधिक दृढ़ संकल्प। यह देश अब इंतजार नहीं करना चाहता। और अगर कोई सुझाव देता है कि हमें धैर्य रखना चाहिए, तो आप पृष्ठभूमि में आवाजें सुन सकते हैं, ‘मोदी है तो मुमकिन है’। इसलिए हमारा स्पष्ट लक्ष्य 2047 तक भारत को एक विकसित राष्ट्र बनाना है।”
“ऑपरेशन सिंदूर 140 करोड़ लोगों की जिम्मेदारी”
‘ऑपरेशन सिंदूर’ पर बोलते हुए पीएम मोदी ने कहा, “दुनिया सिंदूरिया सागर की गर्जना सुन रही है। देश को बनाना और बचाना है तो ऑपरेशन सिंदूर 140 करोड़ लोगों की जिम्मेदारी है। ऑपरेशन सिंदूर सैन्य बल से शुरू हुआ था, इसे जन-बल से जीतना है।”