Kushagra Murder: रचिता को प्रभात के मंसूबों की थी खबर…फिर भी मुकरी, पुलिस ने दोहराया सारा क्राइम सीन

कानपुर. शिवानी सिंह समाचार लेखक
कानपुर News: पुलिस हत्यारोपियों को सोमवार को साथ लेकर घटनास्थल पर पहुंची। यहां कुशाग्र की हत्या के वक्त की सभी से उनकी लोकेशन पूछी। कुशाग्र की हत्या कैसे की गई, इसका पूरा नाटकीय रूपांतरण कराया गया।
कानपुर में रायपुरवा के आचार्यनगर निवासी कपड़ा कारोबारी मनीष कनौडिया के बेटे कुशाग्र की हत्या के मामले में पुलिस कस्टडी रिमांड में लिए गए आरोपियों से पूछताछ में रचिता के शातिर दिमाग का पता चला। पुलिस ने रचिता से पूछताछ की, तो उसने प्रभात और शिवा के खतरनाक मंसूबों से अनजान बनने का नाटक किया।
वहीं, जब प्रभात से अकेले में पूछताछ हुई तो उसने बताया कि रचिता को उसके हर प्लान की खबर थी। कुशाग्र की हत्या के बाद सबसे पहले फोन उसने रचिता को बताया था। तीन दिन की पुलिस कस्टडी रिमांड पर लिए गए प्रभात, रचिता और शिवा से पुलिस ने सोमवार को अलग-अलग पूछताछ की।
रचिता ने पूछताछ में बताया कि उसे यह जानकारी तो थी कि फिरौती में 30 लाख मांगे जाने हैं, लेकिन कुशाग्र की हत्या का उसे अंदाजा नहीं था। उसे कुशाग्र के अपहरण की जानकारी तब हुई, जब कुशाग्र के परिजनों ने उसके पास फोन करके कुशाग्र के विषय में पूछना शुरू किया। वहीं, प्रभात ने बताया कि रचिता को कुशाग्र की हत्या।
हत्या करने के बाद रचिता को किया था कॉल
फिर फिरौती मांगने और शव के टुकड़े करके ठिकाने लगाने तक के प्लान की पूरी खबर थी। उसने एक बार भी उसे ऐसा करने से मना नहीं किया। सूत्रों के अनुसार प्रभात ने पुलिस को बताया कि कुशाग्र की हत्या करने के बाद उसने अपने घर में लगे जियो फाइबर के डॉट फोन से सबसे पहले रचिता को कॉल किया।
शिवा के हाथ स्कूटी से भिजवाया था पत्र
रचिता से उसकी स्कूटी मंगवाई। रचिता खुद स्कूटी लेकर उसके घर पहुंची और वहीं रूक गई। फिर उसी लैंडलाइन से शिवा गुप्ता को भी कॉल करके घर बुलाया। वहीं पर फिरौती वाला पत्र लिखा। पत्र को शिवा के हाथ स्कूटी से कुशाग्र के घर भिजवाया, जहां वो सीसीटीवी में कैद हुआ था।
सीडीआर ने भी खोला रचिता का झूठ
पुलिस ने प्रभात और रचिता के मोबाइल नंबरों की सीडीआर निकलवाई है। सीडीआर से साफ है कि पूरे घटनाक्रम में शुरुआत से ही प्रभात की रचिता से कई बार बात हुई थी। पुलिस के अनुसार ऐसे में संभव नहीं कि प्रभात ने रचिता को कुछ भी बताया न हो। पुलिस अधिकारियों का कहना है कि मामले में तीनों आरोपी बराबर के दोषी है।
सिटी क्लब तक प्रभात भी था शिवा के साथ
शिवा ने पुलिस को पूछताछ में बताया कि जब वह चिट्ठी डालने जा रहा था। तब प्रभात भी उसके साथ गया था। सिटी क्लब के पास वह उतर गया। कुशाग्र के घर पर डालने के बाद लौटते वक्त फिर से प्रभात, शिवा के साथ स्कूटी में बैठकर लौटा था।
गुमराह करने के लिए लिखा था ‘अल्लाह हू अकबर’
पुलिस सूत्रों के अनुसार प्रभात ने पुलिस को गुमराह करने के लिए फिरौती के पत्र में ‘अल्लाह हू अकबर’ लिखा था। वह चाहता था कि ‘अल्लाह हू अकबर’पढ़कर पुलिस का शक गैरसमुदाय के किसी शख्स पर ही जाए। उन्हें उम्मीद थी कि मामले में हिंदूवादी संगठन भी परिवार की मदद करने के नाम पर भीड़ लेकर पहुंच जाएंगे। पुलिस जब तक उन्हें संभालेगी तब तक वह मिलने वाले पर्याप्त समय में कुशाग्र के शव को ठिकाने लगा देंगे, लेकिन अपार्टमेंट के सुरक्षा गार्ड राजेंद्र ने उनके मंसूबों पर पानी फेर दिया।
आरोपियों की मौजूदगी में दोहराया क्राइम सीन
पुलिस हत्यारोपियों को सोमवार को साथ लेकर घटनास्थल पर पहुंची। यहां कुशाग्र की हत्या के वक्त की सभी से उनकी लोकेशन पूछी। कुशाग्र की हत्या कैसे की गई, इसका पूरा नाटकीय रूपांतरण कराया गया। कुशाग्र की स्कूटी जिस जगह खड़ी की गई थी, वह स्थान पूछा। कुशाग्र के मोबाइल को जमीन में गाड़ने वाले स्थान के बारे में पूछा गया। वारदात वाले दिन कुशाग्र के साथ हाते तक पहुंचने वाले रास्ते पर भी साथ ले गई।