ग्रामीण प्रतिभाओं का उत्सव: चंदा में मशाल खेल प्रतियोगिता का भव्य समापन
विद्यार्थियों ने दिखाया दमखम, भविष्य के चैंपियन तैयार करने की पहल

चक्की (बक्सर)। बिहार सरकार की महत्वाकांक्षी योजना ‘मशाल’ के अंतर्गत मध्य विद्यालय चंदा के खेल परिसर में आयोजित मशाल खेल प्रतियोगिता 2024 का द्वितीय दिवस शनिवार को उत्साहपूर्वक सम्पन्न हुआ। इस आयोजन ने न केवल विद्यार्थियों में खेल के प्रति नई चेतना जगाई, बल्कि ग्रामीण अंचल में ओलंपिक जैसी तैयारियों की मजबूत नींव भी रख दी।
कार्यक्रम का शुभारंभ विद्यालय के प्रधानाध्यापक शिवकृपाल पाल द्वारा दीप प्रज्वलन के साथ किया गया। इस अवसर पर विद्यालय परिसर खेल ऊर्जा और उमंग से सराबोर रहा। उपस्थित अभिभावकों ने प्रतियोगिता को विद्यार्थियों के लिए सुनहरा अवसर बताते हुए बिहार सरकार और मुख्यमंत्री के नेतृत्व में चल रही इस पहल की सराहना की।
तीन दिवसीय प्रतियोगिता के दौरान एथलेटिक्स, कबड्डी, फुटबॉल, साइक्लिंग और वॉलीबॉल सहित विभिन्न खेलों में छात्रों ने अपने कौशल का प्रदर्शन किया। 25 से 27 अप्रैल 2025 तक चले इस आयोजन में स्थानीय जनप्रतिनिधियों, अभिभावकों और गणमान्य अतिथियों ने भी बढ़-चढ़कर सहभागिता निभाई। कार्यक्रम के सफल संचालन में जितेंद्र उपाध्याय, धर्मनाथ राय, रमेश शर्मा, खेल शिक्षक, वरीय शिक्षक, कंप्यूटर शिक्षक, महिला शिक्षिका तथा खेल विद्यालय समिति की महत्वपूर्ण भूमिका रही।
प्रधानाध्यापक ने जानकारी दी कि सरकार के दिशा-निर्देशों के तहत प्रातः 6:30 बजे से 9:00 बजे तक विभिन्न खेल विधाओं के अंतर्गत प्रतिभा खोज (टैलेंट सर्च) कार्यक्रम सफलतापूर्वक संपन्न हुआ। ग्रामीण अंचल के खिलाड़ियों ने अपने उत्कृष्ट प्रदर्शन से यह सिद्ध कर दिया कि प्रतिभा किसी संसाधन की मोहताज नहीं होती।
समापन समारोह के दौरान विजेता खिलाड़ियों को पुरस्कार और प्रमाण पत्र प्रदान कर सम्मानित किया गया। इस अवसर पर सुजीत श्रीवास्तव, अकबर अली, बृजेश पांडेय, नीतू सिंह समेत कई शिक्षक एवं कर्मचारी भी उपस्थित रहे, जिनकी गरिमामयी उपस्थिति ने आयोजन को और भव्य बना दिया।
समापन के साथ ही विद्यालय परिसर में उमंग, उत्साह और गर्व का अद्भुत वातावरण व्याप्त हो गया। मशाल खेल प्रतियोगिता ने न केवल विद्यार्थियों को अपनी प्रतिभा दिखाने का अवसर प्रदान किया, बल्कि भविष्य के चैंपियनों को तराशने की दिशा में भी एक मजबूत कदम साबित हुआ। निश्चित रूप से यह आयोजन ग्रामीण क्षेत्र में खेल संस्कृति को सशक्त बनाने की दिशा में एक प्रेरणास्रोत बनकर उभरा है।