मुख्यमंत्री आदित्यनाथ योगी जी के फ्री राशन योजना को पलीता लगा रहे हैं साहेब एवं कोटेदार

अम्बेडकर नगर ।। कोटेदारों की मनमानी पर यूनिट लगभग एक किलो तक कटौती की जा रही है ऐसे देखा जाए तो कोटेदार की महीने की अकूत कमाई कर रहे हैं गौरतलब है कि करौना महामारी के समय से मुख्यमंत्री आदित्यनाथ योगी जी की सरकार ने गरीबों को राशन मुफ्त में दिलाने का काम कर रही है उस समय कोटेदार खूब जमकर पर यूनिट ढेह से 2 किलो कटौती हो रहे थे राशन कटौती करके कोटेदार मालामाल हो गए । उसे समय जनता शिकायत भी खूब की थी लेकिन जिम्मेदार अधिकारियों की मिली भगत से किसी कोटेदार के ऊपर करवाई माहज खाना पूर्ति है की गई थी । कोटेदार सप्लाई इंस्पेक्टर खाद रसद विभाग के जिम्मेदार अधिकारियों से मिलकर जनता के राशन पर डाका डालते रहे आज भी वही हाल है कोटेदार राशन काटने में मस्त है और जिम्मेदार अधिकारी कमीशन खाने में मस्त है । मुख्यमंत्री आदित्यनाथ योगी जी गरीबों को राशन फ्री पहुंचने की बात कर रहे हो लेकिन कहीं ना कहीं जिम्मेदार अधिकारी मंसूबे पर पानी फेरते नजर आते हैं जबकि सरकार का सख्त आदेश है की राशन गरीबों को फूल यूनिट दिया जाए कोई कटौती न किया जाए लेकिन कटौती इसलिए किया जाता है की सभी लोगों को कमीशन पहुंचा जा सके अगर जिम्मेदार दूध के धुले हैं तो सभी जिम्मेदार अधिकारियों को जरूर पता होगा कि किस दिन महीने में राशन बटता है । उसी दिन एक आम आदमी बनकर उसी जनता में शामिल हो जाएं तो शायद सभी कोटेदारों पर से पर्दा उठ सकता है । बड़े साहब करेंगे क्यों ऐसा अगर ऐसा करेंगे तो ऊपर की आमदनी बन्द हो जाएंगी।
यह तो कहावत आप लोगों ने सुनी होगी की जिसका खाई उसी का दुहाई
अगर ग्राम सभा के वासी शिकायत करते हैं कोटेदार के खिलाफ तो कोटेदार की तरफ से जिम्मेदार अधिकारी जांच पर जांच करेंगे और आखरी में कोटेदार को बचा लेते हैं या कहावत ठीक बैठता है । कोटेदार और साहब के बीच ग्रामीण कितना भी शिकायत करेगा लेकिन उसको न्याय नहीं मिलेगा इसलिए नहीं मिलेगा की साहब के संरक्षण में ही कोटेदार की अकूत कमाई होती है। और मिल बांट हजम कर जाते हैं बड़ी मजे की बात तो यह है की साहब सैलरी सरकार से लेते हैं और घर का खर्च चलाने जिम्मेदार अधिकारी एवं कोटेदार मिलकर जनता हक पर डाका डालते हैं। जनता भी थक हार निराशा मानकर अब सब के पास शिकायत करना ही बंद कर दिया । अब जनता भी जान चुकी है। की जो कोटेदार हम लोगों से राशन कटता है वह सब को भी देता है इसलिए हमारी सुनवाई कहीं नहीं होती है।