
शिवानी सिंह समाचार लेखक
भारत के पूर्व स्टार ऑलराउंडर युवराज सिंह ने महेंद्र सिंह धोनी को लेकर बड़ा खुलासा किया है। एक शो के दौरान युवी से उनकी और माही की दोस्ती को लेकर सवाल पूछे गए। इस पर युवराज ने कुछ ऐसा बताया है जिससे पूरी दुनिया हैरान रह गई है। युवी ने साथ ही 2011 विश्व कप फाइनल के दौरान धोनी के उनसे पहले बैटिंग के लिए जाने की वजह का भी खुलासा किया है। युवराज ने अपने और धोनी के प्रोफेशनल रिश्ते का उदाहरण देते हुए 2011 विश्व कप फाइनल की बात कही।
2011 विश्व कप फाइनल में क्या हुआ था?
युवराज ने कहा, ‘विश्व कप फाइनल (2011) में यह तय किया गया था कि अगर गौती (गौतम गंभीर) आउट होते हैं, तो मैं जाऊंगा, अगर विराट आउट हो जाते हैं, तो धोनी बैटिंग के लिए जाएंगे। यह बात दोस्ती से ज्यादा महत्वपूर्ण है। हम अपने प्रोफेशन को लेकर बहुत सीरियस थे। मैं उनके अच्छे होने की कामना करता हूं। मुझे पता है कि वह मुझे भी शुभकामनाएं देते हैं। धोनी अब रिटायर हो चुके हैं, मैं रिटायर हो चुका हूं। जब हम मिलते हैं, तो हम केवल दोस्तों की तरह मिलते हैं, न कि इस तरह से कि ‘मैं आपको जानना नहीं चाहता’। हमने साथ में एक विज्ञापन भी शूट किया और अपने पिछले दिनों के बारे में बात करने में मजा आया।
युवराज ने कहा- मैं और माही करीबी दोस्त नहीं हैं। हम क्रिकेट की वजह से दोस्त थे, क्योंकि हम एक साथ खेलते थे। माही का रहन-सहन मुझसे बहुत अलग था, इसलिए हम कभी करीबी दोस्त नहीं रहे। जब मैं और माही मैदान पर उतरे तो हमने अपने देश को 100 प्रतिशत से अधिक दिया। उसमें वह कप्तान थे, मैं उप कप्तान था। जब मैं टीम में आया था, तब मैं चार साल जूनियर था। जब आप कप्तान और उप कप्तान होते हो तो फैसले में मतभेद होते हैं।
युवराज ने कहा- कभी-कभी उन्होंने ऐसे फैसले किए जो मुझे पसंद नहीं थे, कभी-कभी मैंने ऐसे फैसले किए जो उन्हें पसंद नहीं थे। ऐसा हर टीम में होता है। जब मैं अपने करियर के अंत में था, जब मुझे अपने करियर के बारे में सही सुझाव नहीं मिल रहा था, तो मैंने उनसे सलाह मांगी। उन्होंने ही मुझसे कहा था कि चयन समिति अभी आपको नहीं देख रही है। मुझे लगा, कम से कम मुझे सच्चाई पता चल गई। यह 2019 विश्व कप से ठीक पहले की बात है। यही वास्तविकता है।
युवराज ने कहा- आपके साथियों को मैदान के बाहर आपका सबसे अच्छा दोस्त होने की जरूरत नहीं है। हर किसी की एक अलग जीवन शैली होती है। कुछ लोग कुछ लोगों के साथ घूमते हैं, आपको मैदान पर जाने के लिए हर किसी के साथ सबसे अच्छा दोस्त होने की जरूरत नहीं है। अगर आप किसी भी टीम को लेते हैं तो सभी 11 खिलाड़ी साथ नहीं मिलते। कुछ ऐसा करते हैं, कुछ नहीं करते हैं। जब हम मैदान में होते थे तो अपने अहंकार को पीछे छोड़कर और अपने देश अपनी टीम के लिए योगदान देते थे।