यूपी में मायावती के लिए खुल रहे नए सियासी गलियारे… कांग्रेस नेता के बयान ने मचाई खलबली

लखनऊ। कांग्रेस सांसद इमरान मसूद ने उत्तर प्रदेश में समाजवादी पार्टी (सपा) के साथ गठबंधन को लेकर बड़ा बयान दिया है, जिससे इंडिया गठबंधन पर सवाल उठने लगे हैं। उन्होंने कहा कि यदि कांग्रेस सपा से अलग होकर चुनाव लड़ेगी, तो पार्टी का प्रदर्शन कहीं बेहतर होगा। इसके साथ ही, उन्होंने 2027 में बहुजन समाज पार्टी (बसपा) के साथ गठबंधन की संभावना जताई, जिससे प्रदेश की राजनीति में हलचल मच गई है। मसूद ने यह भी कहा कि कांग्रेस और बसपा के गठबंधन के लिए बसपा को विचार करना चाहिए।
हाल के दिनों में कांग्रेस और समाजवादी पार्टी (सपा) के नेताओं के बीच जिस तरह की बयानबाजी हुई है, उसने सपा-कांग्रेस गठबंधन को लेकर अटकलों को हवा दी है। इमरान मसूद ने तो यहाँ तक कह दिया था कि उत्तर प्रदेश में कांग्रेस को किसी सहारे की जरूरत नहीं है और वह राहुल गांधी के कारण चुनाव जीतती है। अब उन्होंने बसपा के साथ गठबंधन की बात उठाकर एक नई राजनीतिक बहस शुरू कर दी है। सियासी विश्लेषकों का मानना है कि सपा से कांग्रेस की बढ़ती दूरी का फायदा मायावती को मिल सकता है।
कांग्रेस से गठबंधन करेगी बसपा
उत्तर प्रदेश में छह लोकसभा सीटें जीतने के बाद कांग्रेस अब नई ऊर्जा के साथ प्रदेश में अपनी जड़ें मजबूत करने की कोशिश में जुटी है। दूसरी ओर, अपने सबसे कमजोर दौर से गुजर रही बसपा भी जमीनी स्तर पर पार्टी को फिर से मजबूत करने के प्रयास में लगी है। सपा के साथ गठबंधन टूटने की स्थिति में कांग्रेस बसपा की ओर रुख कर सकती है, लेकिन यह इतना आसान नहीं है। मायावती अक्सर सपा और कांग्रेस पर हमलावर रहती हैं, और उनके बयानों में कांग्रेस के प्रति नाराजगी साफ झलकती है। उन्होंने कई बार दोहराया है कि उनकी पार्टी अब किसी के साथ गठबंधन नहीं करेगी।
बसपा में आकाश आनंद की वापसी हो चुकी है, और उन्हें पार्टी संगठन को मजबूत करने व युवाओं को जोड़ने की जिम्मेदारी सौंपी गई है। ऐसे में, अगर कांग्रेस और बसपा के बीच गठबंधन होता है, तो दोनों दलों को फायदा हो सकता है। हालांकि, यह इतना सरल नहीं है, क्योंकि मायावती का मानना है कि गठबंधन से उनकी पार्टी को लाभ के बजाय नुकसान ही होता है।