उत्तर प्रदेशराज्य

राजा भैया के पिता उदय प्रताप के साथ साकेत कोर्ट पहुंचीं भानवी सिंह

प्रतापगढ़: कुंडा से विधायक रघुराज प्रताप सिंह उर्फ राजा भैया और उनकी पत्‍नी भानवी सिंह तलाक मामले में नया अपडेट आया है। मंगलवार को भानवी सिंह अपने ससुर उदय प्रताप सिंह के साथ दिल्‍ली के साकेत कोर्ट पहुंचीं। आज तलाक केस में सुनवाई थी। भानवी सिंह के वकील के मुताबिक, राजा भैया के पिता ने इस दौरान अपना बयान दर्ज कराया है। भानवी ने राजा भैया से हर महीने मेंटेंनेंस दिए जाने की एप्‍लीकेशन भी लगाई है। अगली सुनवाई 3 नवंबर को होगी ।

भानवी सिंह ने राजा भैया के खिलाफ मेंटेंनेंस की याचिका भी दायर की है। राजा भैया ने 2022 में दिल्‍ली की साकेत कोर्ट में तलाक की अर्जी लगाई थी। दूसरी ओर, भानवी सिंह ने तलाक देने से इन्‍कार किया है। बताया जा रहा है कि उदय प्रताप ने इस मामले में अपना बयान दर्ज करा दिया है।

जानकारी के मुताबिक, सुनवाई के दौरान भानवी सिंह के वकील ने तलाक मामले की सुनवाई कैमरे के सामने करने की मांग की है ताकि मीडिया ट्रायल से बचा जा सके। इस पर राजा भैया के वकील ने कहा कि ये लोग खुद ही मीडिया के सामने आकर बयानबाजी कर रहे हैं। कोर्ट से बाहर निकलने के बाद भानवी सिंह और राजा भैया कि पिता कुछ बोलने से बचे। उन्‍होंने इतना कहा कि मामला कोर्ट में है। चूंकि केस अभी पेंडिंग है इसलिए कोर्ट ने कुछ भी बोलने से मना किया है।

1955 में हुई थी शादी दोनो को हैं चार बच्चे

गौरतलब है कि राजा भैया अपनी पत्नी भानवी कुमारी सिंह से तलाक चाहते हैं। राजा भैया और भानवी सिंह काफी फेमस कपल्स में एक माने जाते हैं। दोनों की जोड़ी काफी ज्यादा पसंद की जाती है। भानवी सिंह खुद एक राजघराने से ताल्लुक रखती हैं। साल 1995 में दोनों शादी के बंधन में बंधे थे और दोनों के 4 बच्चे भी हैं। दो बेटियां और दो बेटे। दरअसल दोनों की लड़ाई की शुरुआत राजा भैया के एक कजिन के मामले से शुरू हुई। राजा भैया के कजिन अक्षय प्रताप सिंह पर भावनी कुमार सिंह ने गंभीर आरोप लगाए थे। भावनी ने कहा था कि अक्षय प्रताप सिंह उनकी कंपनी में गलत इरादे से काम कर रहे हैं, वो कंपनी के चल-अचल संपत्ति पर अपना अधिकार जमाकर उन्हें बेचना चाह रहे हैं। भानवी ने अक्षय के खिलाफ दिल्ली की अपराध शाखा में केस दर्ज करवाया था। भानवी श्री दा प्रॉपर्टीज की मालकिन है, जबकि अक्षय प्रताप सिंह एमएलसी हैं। भानवी ने कहा था अक्षय ने उनके जाली हस्ताक्षर करके उनके शेयर हड़प लिए हैं।

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