उत्तर प्रदेशलखनऊ

उत्तर प्रदेश के 3.29 करोड़ बिजली उपभोक्ताओं को मिलेगा 1055 करोड़ का फायदा

  • फ्यूल सरचार्ज (ईंधन अधिभार) के एवज में अनुमान से 1055 करोड़ रुपये कम खर्च होने पर पावर कारपोरेशन प्रबंधन ने औसतन 35 पैसे प्रति यूनिट बिजली की दर घटाने का प्रस्ताव उत्तर प्रदेश विद्युत नियामक आयोग में दाखिल किया है। आयोग द्वारा निर्णय सुनाते ही प्रस्ताव लागू हो जाएगा।
  • Saral Kisan : महंगाई की मार से परेशान विद्युत उपभोक्ताओं के लिए राहत वाली खबर है। उपभोक्ताओं को महंगी बिजली से जल्द ही कुछ राहत मिलने वाली है। घरेलू उपभोक्ताओं की बिजली जहां 18 से 34 पैसे प्रति यूनिट सस्ती होगी वहीं दुकानों की 48, उद्योगों की 38 और किसानों की बिजली 30 पैसे प्रति यूनिट तक कम होगी।
  • फ्यूल सरचार्ज (ईंधन अधिभार) के एवज में अनुमान से 1055 करोड़ रुपये कम खर्च होने पर पावर कारपोरेशन प्रबंधन ने औसतन 35 पैसे प्रति यूनिट बिजली की दर घटाने का प्रस्ताव उत्तर प्रदेश विद्युत नियामक आयोग में दाखिल किया है। आयोग द्वारा निर्णय सुनाते ही प्रस्ताव लागू हो जाएगा। वैसे तो नियमानुसार मौजूदा दरों में कमी सिर्फ दिसंबर तक ही होगी लेकिन सरचार्ज का खर्च कम रहने पर बिजली की दरों में आगे भी कमी बरकरार रह सकती है।

कारपोरेशन प्रबंधन ने आयोग में वित्तीय वर्ष 2023-24 के अप्रैल, मई व जून तिमाही (क्यू-1) के लिए 35 पैसे प्रति यूनिट के आधार पर अलग-अलग श्रेणियों के उपभोक्ताओं की बिजली दरों में कमी का प्रस्ताव दाखिल किया है। प्रस्ताव के मुताबिक अलग-अलग श्रेणी के उपभोक्ताओं की बिजली दरों में 18 पैसे से लेकर 69 पैसे प्रति यूनिट तक की कमी होगी। नियमानुसार वित्तीय वर्ष की पहली तिमाही के लिए बिजली की दरों में कमी अक्टूबर, नवंबर व दिसंबर यानी तीसरी तिमाही में ही होनी चाहिए लेकिन पावर कारपोरेशन ने प्रस्ताव ही 20 अक्टूबर को आयोग में दाखिल किया है इसलिए अब आयोग को तय करना है कि दरों में कमी पहली अक्टूबर से तीन माह के लिए करे या फिर पहली नवंबर से 31 दिसंबर के बीच दो माह में लागू करे। दो माह के लिए कमी करने पर दरों के और घटने का फायदा उपभोक्ताओं को मिल सकता है।

 

वर्ष 2022-23 में नहीं बढ़ सकी थी बिजली दर

 

फ्यूल सरचार्ज के एवज में कारपोरेशन प्रबंधन ने पिछले वित्तीय वर्ष 2022-23 में दरों में 61 पैसे प्रति यूनिट तक बढ़ोत्तरी प्रस्तावित करते हुए आयोग में प्रस्ताव दाखिल किया था लेकिन उसे लागू नहीं किया जा सका था। उससे पहले भी प्रबंधन ने वर्ष 2022-23 में अप्रैल, मई व जून की पहली तिमाही(क्यू-1) के लिए 35 पैसे, क्यू-2 के लिए 12 पैसे और क्यू-3 के लिए 57 पैसे प्रति यूनिट बिजली महंगी करने का प्रस्ताव आयोग में दाखिल किया था। प्रबंधन द्वारा तय अवधि में प्रस्ताव न दाखिल किए जाने से भी फ्यूल सरचार्ज के एवज में बिजली महंगी करने को आयोग ने हरी झंडी नहीं दी थी। प्रबंधन का कहना है कि अब ट्रू-अप के वक्त इसे देखा जाएगा।

 

कारपोरेशन द्वारा प्रस्ताव दाखिल किए जाने के बाद उत्तर प्रदेश राज्य विद्युत उपभोक्ता परिषद के अध्यक्ष अवधेश वर्मा ने बुधवार को आयोग के अध्यक्ष अरविंद कुमार और सदस्य संजय कुमार सिंह से मुलाकात कर उस पर तत्काल कार्यवाही शुरू करने की मांग की ताकि उपभोक्ताओं को तीन माह तक महंगी बिजली से राहत मिल सके। वर्मा ने बताया कि केंद्र ने अब प्रत्येक माह फ्यूल सरचार्ज के स्वतः लागू होने की व्यवस्था की है लेकिन राज्य में आयोग ने इसे अभी लागू नहीं किया है। वर्मा का कहना है कि उपभोक्ताओं का बिजली कंपनियों पर जब लगभग 33,122 करोड़ रुपये सरप्लस है तब फिर आगे भी फ्यूल सरचार्ज के एवज में बिजली की दरों को बढ़ाया नहीं जा सकेगा। बिजली की दरें कम जरूर हो सकती हैं।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button