उत्तर प्रदेशलखनऊ

मां अहोरवा भवानी धाम के नाम से जाना जाएगा अकबरपुर जंक्शन, अमेठी के 8 स्टेशनों का नाम बदला

Amethi Station Name Change: अमेठी के 8 स्टेशनों के नाम बदलने के प्रस्ताव को केंद्र सरकार की मंजूरी मिल गई है। केंद्र की मंजूरी के बाद इन स्टेशनों के नाम को बदल दिया गया है। धार्मिक महत्व वाले नामों से स्टेशन के नाम को बदला गया है। इस संबंध में यूपी सरकार की ओर से प्रस्ताव तैयार किया गया है।

अमेठी: उत्तर प्रदेश के अमेठी के आठ स्टेशनों के नाम में बदलाव कर दिया गया है। केंद्रीय गृह मंत्रालय ने मंगलवार को अमेठी जिले के आठ रेलवे स्टेशनों का नाम बदलने के प्रस्ताव को स्वीकृति दे दी। उत्तर प्रदेश सरकार की ओर से इस संबंध में अनुरोध किया गया था। केंद्रीय गृह मंत्रालय ने अनापत्ति प्रमाणपत्र (एनओसी) दे दिया है। यह मंजूरी 12 फरवरी, 2024 को गृह मंत्रालय को सौंपे गए प्रस्ताव के बाद दी गई है। अमेठी के स्टेशनों को धार्मिक महत्व वाले स्थानों पर रखा गया है। अकबरपुर स्टेशन अब मां अहोरवा भवानी धाम के नाम से जाना जाएगा।

अमेठी के स्टेशनों के नाम में बदलाव को लेकर स्थानीय सांसद स्मृति ईरानी की ओर से भी कई बार प्रस्ताव भेजा गया था। अमेठी के कासिमपुर हॉल्ट को जैस सिटी नाम दिया गया है। इसी प्रकार जैस से गुरु गोरखनाथ धाम, बानी से स्वामी परमहंस, मिसरौली से मां कालिकन धाम, निहालगढ़ से महाराजा बिजली पासी, वारिसगंज से अमर शहीद भाले सुल्तान और फुरसतगंज से तपेश्वरनाथ धाम दिया गया है।

उत्तर रेलवे के लखनऊ डिवीजन की वरिष्ठ मंडल वाणिज्यिक प्रबंधक रेखा शर्मा ने बताया कि नामांकित रेलवे स्टेशनों को जल्द ही रेलवे सीआरआईएस (रेलवे सूचना प्रणाली केंद्र) की ओर से अपडेट किया जाएगा। इसके अतिरिक्त, हम स्टेशन का नाम बदलने की प्रक्रिया के लिए राज्य लोक निर्माण विभाग से एनओसी हासिल करने की आशा करते हैं।

क्यों प्रसिद्ध है मां अहोवा भवानी धाम

यूपी के अमेठी में मां अहोरवा भवानी धाम एक प्रसिद्ध मंदिर है। इस मंदिर के इतिहास को द्वापर युग से जोड़ा गया है। पांडवों ने इसकी स्थापना की थी। मां अहोरवा भवानी की महिमा को अलग माना जाता है। इसको लेकर दूर-दर से भक्त यहां दर्शन करने आते हैं। मान्यता है कि मां भवानी के दर्शन मात्र से श्रद्धालुओं की मनोकामना पूरी होती है। दावा किया जाता है कि मां अहोरवा भवानी दिन में तीन बार अपना रूप बदलती हैं। आज के समय में भी यह मंदिर भक्तों की अटूट आस्था का केंद्र बना हुआ है। अहोरवा मंदिर के बारे में मान्यता है कि सुबह से शाम तक मां भवानी तीन बार अपना स्वरूप बदलती हैं।

सुबह मां भवानी बाल अवस्था, दोपहर में युवावस्था और शाम से अगले दिन सुबह तक मां भवानी वृद्धावस्था में नजर आती हैं। पांडवों की ओर से इस मंदिर की स्थापना के बाद राजा शिव बहादुर सिंह ने इस मंदिर का विस्तार कराया था। मंदिर परिसर में ही संस्कृत कॉलेज का संचालित किया जाता है। अब इसी धाम के नाम पर अकबरपुर स्टेशन का नाम रखा गया है।

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