उत्तर प्रदेशलखनऊ

Aligarh: प्रतिबंध लगने के बाद भी जमा कर ली ईंट भट्ठों की रॉयल्टी, डीएम ने अधिकारियों को सौंपी जांच

सार

दो तहसील क्षेत्रों में जिगजैग तकनीक दूर-दूर तक न मिलने व साधारण तरीके से भट्ठे चलते मिले हैं। खैर, इगलास, अतरौली तहसील क्षेत्र में सात भट्टे जांच में ऐसे मिले जो साधारण तकनीक से संचालित हो रहे थे।

विस्तार

अलीगढ़ जिले में ग्रीन ट्रिब्युनल (एनजीटी) व प्रशासन के निर्देश के बावजूद नियम खिलाफ संचालित ईंट भट्ठों के प्रकरण में जिलाधिकारी विशाख जी ने जांच बिठा दी है। प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने प्रशासन को जिगजैग तकनीक वाले भट्ठों के संचालित होने की सूची भेजी है।

दो तहसील क्षेत्रों में जिगजैग तकनीक दूर-दूर तक न मिलने व साधारण तरीके से भट्ठे चलते मिले हैं। खैर, इगलास, अतरौली तहसील क्षेत्र में सात भट्टे जांच में ऐसे मिले जो साधारण तकनीक से संचालित हो रहे थे। एडीएम वित्त मीनू राणा ने प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड से रिपोर्ट मांगी है। जिन सौ से अधिक भट्ठों की सूची प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने प्रशासन को भेजी है। करीब 40 भट्ठों की रॉयल्टी खनन विभाग के पोर्टल पर जमा हो गई।

दोनों विभाग एक-दूसरे की गलती ठहरा रहे हैं। खनन विभाग का कहना है कि वह सिर्फ खनन, ईट पथाई के एवज में रॉयल्टी जमा कराता है। संचालन का कोई लेना देना नहीं है। प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड का कहना है कि जब पूर्व में सूची भेजी जा चुकी है कि भट्ठों का संचालन नहीं किया जा सकता है। फिर भी रॉयल्टी किस आधार पर जमा करा ली गई।

 

डीएम विशाख जी ने कहा है कि प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने जिन भट्ठों का संचालन नहीं कराए जाने की सूची भेजी थी, उसमें शामिल भट्ठों की रॉयल्टी कैसे जमा हुई? रोक के बावजूद भट्टे कैसे संचालित हुए ? इसकी जांच कराई जा रही है। इसका जिम्मा संबंधित एसडीएम व प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अफसरों को सौंपी गई है।

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