उत्तर प्रदेशलखनऊ

यूएनएससी में भारत की स्थायी सदस्यता का एक और बड़े देश ने किया समर्थन, यूरोप में है रूस का दोस्त, जानें

UNSC Expansion India Belarus: भारत संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में सुधार का मुद्दा उठाता रहा है। भारत की मांग है कि उसे भी स्थायी सदस्यता दी जाए। भारत की इस मांग का यूरोप के एक देश ने खुलकर समर्थन किया है। यह देश बेलारूस है, जो रूस का पड़ोसी है। बेलारूसी विदेश मंत्री ने कहा कि वह भारत की स्थायी सदस्यता का समर्थन करेंगे।

मिंस्क: भारत लंबे समय से संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के सुधार की मांग कर रहा है। भारत चाहता है कि उसे भी सुरक्षा परिषद की स्थायी सदस्यता दी जाए। अब भारत के सुर में यूरोप के एक देश ने सुर मिलाया है। बेलारूस के विदेश मंत्री सर्गेई एलेनिक ने कहा कि उनका देश भारत का स्थायी सदस्यता पर समर्थन करेगा। बेलारूस रूस का पड़ोसी देश है और दोनों देशों में काफी अच्छे संबंध हैं। बेलारूसी विदेश मंत्री ने यूएनएससी में सुधारों पर जोर दिया। उन्होंने कहा, ‘बेलारूस भी इस मुद्दे पर चर्चा को आश्वस्त है कि यूएनएससी सुधारों को सुविधाजनक बनाया जाना चाहिए।’

उन्होंने आगे कहा, ‘यह काफी लंबे समय से रुका हुआ मुद्दा है। दुनिया की नाजुक स्थिति को ध्यान में रखते हुए संयुक्त राष्ट्र में इस मुद्दे पर चर्चा हो रही है।’ उन्होंने कहा, ‘हमने महासभा के 78वें सत्र के दौरान अपनी बात रखी थी और इस दौरान हमने अपने आधिकारिक बयान में साफ कर दिया है कि सरिक्षा परिषद में भारत के शामिल होने का समर्थन करेंगे।’ भारतीय विदेश मंत्री डॉ. एस जयशंकर के साथ उन्होंने मीटिंग की थी। इसे लेकर उन्होंने कहा, ‘हम एक अधिक न्यायपूर्ण निष्पक्ष और बहुध्रुवीय विश्व व्यवस्था बनाना चाहते हैं।’

चीन करता है विरोध

भारत लंबे समय से यूएनएससी के विस्तार और उसमें स्थायी सदस्यता की मांग करता रहा है। यूएनएससी में पांच स्थायी सदस्य अमेरिका, रूस, चीन, फ्रांस और यूके हैं। भारत का तर्क है कि उसके साथ अफ्रीका और लैटिन अमेरिका को भी सुरक्षा परिषद में प्रतिनिधित्व मिले। भारत कई बार सख्त लहजे में कह चुका है कि पूरी दुनिया का फैसला पांच देश कैसे कर सकते हैं। भारत की इस मांग का अमेरिका, ब्रिटेन, फ्रांस और रूस समर्थन करते रहे हैं। लेकिन भारत का विरोध करने के लिए चीन सबसे पहले आता है।

पाकिस्तान ने किया भारत का विरोध

चीन नहीं चाहता कि एशिया में उसके अलावा कोई और भी सुरक्षा परिषद में ताकतवर हो। इस कारण चीन पाकिस्तान के कंधे पर बंदूक रख कर भारत के किसी भी प्रस्ताव का विरोध करता है। भारत ने हाल ही में G-4 देशों (ब्राजील, जर्मनी, भारत और जापान) की ओर से सुरक्षा परिषद के सुधार का एक विस्तृत मॉडल पेश किया था। इस प्रस्ताव में महासभा की ओर से लोकतांत्रित तरीके से चुने गए स्थायी सदस्यों को शामिल करने की बात कही गई थी। साथ ही वीटो के मुद्दे पर लचीलापन दिखाया गया था। पाकिस्तान ने भारत के इस प्रस्ताव का यह कहते हुए विरोध किया कि इससे सुरक्षा परिषद पंगु हो जाएगा।

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