Barabanki News: हाईवे में जाएगी 300 किसानों की जमीन, चार गुना मुआवजा

बाराबंकी। शहर से रामनगर के सरयू पुल तक बाराबंकी-बहराइच हाईवे को फोरलेन बनाने में 300 से अधिक किसानों की जमीन समाहित होगी। एनएचएआई ने सड़क के दोनों ओर हाईवे में पड़ने वाली जमीन की गाटा संख्या चिह्नित करनी शुरू कर दी है। जल्द ही किसानों की सूची फाइनल हो जाएगी। इन किसानों को सर्किल रेट से चार गुना मुआवजा दिया जाएगा।
राजधानी लखनऊ को नेपाल की सीमा से जोड़ने वाले बाराबंकी-बहराइच हाईवे को फोरलेन बनाने को लेकर मंजूरी मिल गई है। जिले में बाराबंकी शहर के रामनगर तिराहे से रामनगर तहसील क्षेत्र में सरयू नदी पर स्थित संजय सेतु तक करीब 32 किमी लंबा फोरलेन हाईवे बनाने के लिए एनएचएआई ने 550 करोड़ रुपये मंजूर किए हैं। वर्तमान में हाईवे के पास करीब 30 मीटर जमीन है। इसलिए बाराबंकी से रामनगर तक हाईवे के दोनों ओर स्थित 46 गांवों की जमीन अधिग्रहीत की जाएंगी। एक महीने पहले ही इन गांवों की जमीन की बिक्री पर रोक लग गई है।
रुपईडीहा तक का क्षेत्र देखने वाले एनएचएआई के जूनियर इंजीनियर प्रमोद यादव ने बताया कि हर गांव के चार से छह किसानों की जमीन हाईवे में ली जाएगी। खतौनी के हिसाब से सर्वे कर गाटा संख्या चिह्नित की जा रही है। करीब 300 किसानों की जमीन हाईवे में जाएगी। इन किसानों को जमीन के सर्किल रेट से चार गुना धनराशि मुआवजे के रूप में दी जाएगी। इसकी शुरुआत नवाबगंज तहसील के पिपरौली, शहाबपुर गांव से होगी और रामनगर के तपेसिपाह गांव तक की जमीन अधिग्रहीत होगीडिवाइडर में लगेंगे सजावटी पौधे
बाराबंकी-बहराइच मार्ग भी लखनऊ अयोध्या हाईवे की तरह से होगा। अधिकारियों के अनुसार डिवाइडर के बीच में सजावटी पौधे लगेंगे। जो भी निर्माण अधिग्रहीत जमीन में पड़ेगा, उसे तोड़ा जाएगा।