Bijnor News: गन्ना क्रशरों के संचालन में नहीं हुआ इजाफा, 142 में 20 चले

- बिजनौर, धामपुर। खांडसारी विभाग के अधिकारियों के भरपूर प्रयास के बाद भी गन्ना क्रशरों की संख्या में इजाफा नहीं हुआ। 142 में केवल 20 क्रशर ही चल सके। अधिकारियों का कहना है कि इकाइयों को चालू कराने का पूरा प्रयास किया। पर लाइसेंस धारकों ने हाथ खड़े कर दिए। कह दिया कि अब क्रशरों का स्थान चीनी मिलों ने ले लिया है। ऐसे में अब अस्तित्व बचा पाना मुश्किल है।
- धामपुर सहायक चीनी आयुक्त क्षेत्र धामपुर में चांदपुर, धामपुर तहसील शामिल हैं। दोनों तहसीलों में करीब 142 लोगों के पास गन्ना क्रशरों को चलाने के लाइसेंस हैं। लेकिन वर्तमान सीजन में अब तक केवल 20 क्रशर ही चल सके हैं। सहायक चीनी आयुक्त नीरज कुमार बताते हैं कि विभाग के प्रयास में कोई कमी नहीं रही। कई बार क्रशर स्वामियों के साथ बैठक की। इकाइयों को चालू करने के लिए प्रेरित किया । लेकिन सफलता नहीं मिली। क्रशर मालिकों ने होने के कारण हाथ खड़े कर दिए।
कह दिया कि अब क्रशरों का समय खत्म हो गया है। पूंजीवाद के दौर में बड़े उद्योगपति चीनी मिल लगा रहे हैं। जिसके कारण अब खंडसारी इकाइयों का अस्तित्व खत्म होने के कगार पर है। एक समय था जब क्षेत्र में 142 क्रशर पूरे सीजन जमकर पेराई करते थे। लेकिन इस कारोबार ने अब दम तोड़ दिया है। कारोबारियों ने इसके लिए सरकार की खांडसारी नीति को जिम्मेदार ठहराया। सरकार उद्योगपतियों को चीनी मिल लगाने के लिए लाइसेंस न देतीं तो आज लगभग सभी इकाइयां जीवित होतीं।
– अच्छा भाव होने पर भी गन्ने की आवक कम
सहायक चीनी आयुक्त बताते हैं कि अब तक चालू इकाइयों द्वारा चार लाख 70 हजार क्विंटल गन्ने की खरीद कर चार लाख 52 हजार गन्ने की पेराई की जा चुकी है। इकाइयों पर गन्ने का भाव 320 रुपए से लेकर 330 रुपए प्रति क्विंटल चल रहा है। गुड़ और खांड का रेट 2900 से लेकर 3300 रुपये प्रति क्विंटल है। मिल के बराबर भाव होने के बाद भी क्रशरों को कम गन्ना मिल रहा है।