Auraiya News: आज 639 निर्माणों को ढहाने के लिए तैयारी पूरी

दिबियापुर। नगर दिबियापुर में सिंचाईं विभाग एवं पीडब्ल्यूडी के अतिक्रमण एवं कब्जा को 20 मार्च को हटाने के लिए प्रशासन ने बड़े स्तर पर तैयारी कर ली है। दोनों विभागों ने कुल 639 घरों और दुकानों को नोटिस भेजा है। सूत्रों के अनुसार इसके लिए बड़ी संख्या में पुलिस फोर्स एवं पीएसी की तैनाती की गई है।
सभी पुलिस कर्मियों को सुबह दिबियापुर पहुंचने के निर्देश दिए गए हैं। उच्च न्यायालय में दायर जनहित याचिका में दिए गए आदेश के अनुपालन में दिबियापुर में सिंचाई विभाग एवं पीडब्ल्यूडी की जमीन को अतिक्रमण मुक्त कराया जाना है। इसके लिए फरवरी के अंत में दिबियापुर में सिंचाई विभाग एवं पीडब्ल्यूडी ने अलग अलग 639 दुकानों मकानों पर नोटिस चस्पा किए थे। नोटिसों में लोगों से कब्जा एवं मलबा हटा लेने के लिए कहा गया था। इन नोटिसों की मियाद मंगलवार 19 मार्च को पूरी हो गई।
पीडब्ल्यूडी एवं सिंचाई विभाग ने 20 मार्च को अतिक्रमण हटाने की तिथि निर्धारित करते हुए पुलिस प्रशासन से फोर्स की मांग की थी। सूत्रों के अनुसार इस बार प्रशासन बड़े स्तर पर अतिक्रमण हटाने की तैयारी में जुटा है। बताते हैं कि पुलिस विभाग ने दिबियापुर के आसपास के कई थानों के पुलिस फोर्स समेत भारी मात्रा में पीएसी की तैनाती कर दी है। पुलिस फोर्स को नागरिकों, व्यापारियों के विरोध प्रदर्शन को दृष्टिगत सुबह ही मय दंगा नियंत्रण उपकरण के दिबियापुर पहुंचने के निर्देश दिए गए हैं।
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फोटो19एयूआरपी 27- मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से वार्ता करते लाखन सिंह राजपूत। स्रोत: सोशल मीडिया
लाखन सिंह ने मुख्यमंत्री के सामने रखी दिबियापुरवासियों की समस्या
दिबियापुर। प्रदेश सरकार के पूर्व कृषि राज्य मंत्री लाखन सिंह राजपूत मंगलवार शाम लखनऊ में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मिले। लाखन सिंह राजपूत ने मुख्यमंत्री को दिबियापुर में 639 भवनों में रहने वाले लोगों की समस्या बताई। उनके साथ दिबियापुर नगर पंचायत की पूर्व अध्यक्ष शीला गुप्ता के पति सुखलाल गुप्ता एवं व्यापारी पंकज पोरवाल भी लखनऊ गए। इस संबंध में पूर्व कृषि राज्यमंत्री लाखन सिंह राजपूत ने बताया कि मुख्यमंत्री ने आश्वस्त किया है कि किसी को भी उजाड़ा नहीं जाएगा। इस बाबत उनकी ओर से जिलाधिकारी औरैया को दिशा निर्देश भी दिए गए हैं। यह खबर सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद दिबियापुर के लोगों में खुशी दौड़ गई।
वर्जन
मुख्यमंत्री जी की ओर से मुझे कोई भी दिशा निर्देश नहीं दिए गए हैं। यह हाईकोर्ट का आदेश है। आदेश का अनुपालन होगा। हम चाहते हैं कि लोग आपसी सहमति से हटा लें। लोगों को खुद ही महत्व समझना चाहिए कि पुल नहीं बन पा रहा है दूसरा और जाम लग रहा है। हमारा किसी को बेघर करने का कोई इरादा नहीं है। हमारा भी प्रयास रहेगा कि लोग खुद ही हट जाएं। मामला कोर्ट का है। देखा जाएगा हाईकोर्ट के आदेश का जो भी तरीके से पालन हो सकेगा उसको कराने का प्रयास किया जाएगा। संवेदनशीलता बरतते हुए।
– नेहा प्रकाश जिलाधिकारी, औरैया।
वर्जन
हमसे जो फोर्स मांगा गया था, उतनी फोर्स दी गई है। यदि अभियान चलेगा तो फोर्स जाएगी, यदि नहीं चलेगा तो फोर्स नहीं जाएगी। फोर्स का काम शांति व्यवस्था को कायम रखना होता है।