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Lok Sabha Election 2024: बार-बार प्रत्याशी बदलकर चौंका रही हैं मायावती, UP में बिगड़ जा रहे बने बनाए समीकरण

देश की राजनीति में जमीनी संघर्ष से पूरे पांच वर्ष दूर रहा बसपा का नेतृत्व ठीक नामांकन से पहले कुछ ऐसा कर देने की कोशिश में दिख रहा है जो चुनाव के परिणाम को बदल सकें। पार्टी का यह प्रयास उम्मीदवारों के चयन के स्तर पर उजागर तौर पर दिख रहा है। बसपा ने लोकसभा चुनाव में ब्रज मंडल में इससे पहले इतना बदलाव पहले कभी नहीं किया।

योगेश जादौन, आगरा। राजनीति असीमित प्रत्याशा का क्षेत्र है। कौन प्यादा कब वजीर हो जाए। ऊंट की करवट की तरह एकदम अप्रत्याशित। लोकसभा चुनाव में बसपा का हाथी उम्मीदवारों के चयन में ऐसी ही करवट लेता दिख रहा है। नामांकन से ठीक पहले उम्मीदवार बदलकर बहुजन समाज पार्टी बेहतर प्रत्याशा की तलाश में है। ब्रज क्षेत्र में एक-एक कर चार सीटों पर जिस तरह पार्टी ने प्रत्याशी बदले हैं उसने राजनीति के जानकारों को चौंका दिया है। बसपा के लिए उम्मीदवार बदलना नई बात नहीं है। नया है तो वह कयास, वह समीकरण जो नए उम्मीदवारों को घोषणा के बाद बन और बिगड़ रहे हैं। ब्रज मंडल में बसपा की राजनीति पर योगेश जादौन की रिपोर्ट…

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देश की राजनीति में जमीनी संघर्ष से पूरे पांच वर्ष दूर रहा बसपा का नेतृत्व ठीक नामांकन से पहले कुछ ऐसा कर देने की कोशिश में दिख रहा है जो चुनाव के परिणाम को बदल सकें। पार्टी का यह प्रयास उम्मीदवारों के चयन के स्तर पर उजागर तौर पर दिख रहा है। ब्रज क्षेत्र के आगरा और अलीगढ़ मंडल की आठ (आगरा, फतेहपुर सीकरी, मथुरा, फिरोजाबाद, मैनपुरी, एटा, अलीगढ़, हाथरस) में से चार सीटों (मथुरा, फिरोजाबाद, मैनपुरी, अलीगढ़) पर अंतिम समय में उसने जिस तरह अपने उम्मीदवारों का चेहरा बदला है, जानकार उसके पीछे की रणनीति और चातुर्य को समझने की कोशिश में हैं।

 

बसपा ने लोकसभा चुनाव में ब्रज मंडल में इससे पहले इतना बदलाव पहले कभी नहीं किया। विधानसभा चुनाव में जब भी बदलाव किए, मतदाताओं का भरोसा नहीं जीत सकी। इस बार पार्टी ने सबसे पहले फिरोजाबाद सीट पर उम्मीदवार की घोषणा की। सतेंद्र जैन सौली को उम्मीदवार तय किया गया। इस सीट पर सपा से अक्षय यादव उम्मीदवार हैं। भाजपा ने यहां से ठाकुर विश्वदीप सिंह को उम्मीदवार तय किया तो बसपा ने नामांकन के अंतिम दिन से पहले चौधरी बशीर को उम्मीदवार घोषित कर दिया। चौधरी बशीर बसपा सरकार में मंत्री रह चुके हैं।

बसपा से मुस्लिम उम्मीदवार आने से यहां सपा के मुस्लिम मतों में विभाजन होने की संभावना है। ऐसी स्थिति में नुकसान सपा को होगा। मैनपुरी में भी बसपा ने ऐसा ही किया। यहां पहले उसने गुलशन देव शाक्य को प्रत्याशी बनाने की घोषणा की। सपा से यहां डिंपल यादव मैदान में हैं। भाजपा ने यहां से पर्यटन मंत्री जयवीर सिंह को मैदान में उतारा। जयवीर सिंह के नाम की घोषणा के बाद बसपा ने अपना प्रत्याशी बदला और शाक्य की जगह इटावा जिले की भरथना सीट से पूर्व विधायक शिवप्रसाद यादव को टिकट दे दिया।

गुलशन देव शाक्य तो इस बदलाव से इतने नाराज हुए कि पार्टी छोड़कर सपा में शामिल हो गए हैं। इससे पहले बसपा, यहां से शाक्य उम्मीदवारों को ही मैदान में उतारती रही है। बसपा से यादव के उतरने से यादव मतों में सेंधमारी की आशंका बड़ी है। हालांकि, डिंपल यादव और सपा ने रणनीतिकार इसकी आशंका से इन्कार कर चुके हैं। फिर भी शिवप्रसाद अगर यादव मतों में विभाजन कर पाए तो यह सीधा सपा का नुकसान होगा। बसपा ने सबसे पहले जिन सीटों पर प्रत्याशी की घोषणा की, उसमें मथुरा सीट भी शामिल थी।

 

इस सीट पर पहले कमलकांत उपमन्यु के उम्मीदवार होने की घोषणा की गई। उपमन्यु ब्राह्मण जाति से आते हैं। वह इससे पहले भी बसपा से वह लोकसभा का चुनाव लड़ चुके थे। पार्टी ने कुछ दिन बाद ही उपमन्यु का टिकट काटकर यहां जाट समुदाय से सुरेश सिंह को टिकट दिया है। इसी तरह, अलीगढ़ सीट पर पार्टी ने प्रत्याशी का बदलाव किया। बसपा ने पहले गुफरान नूर को प्रत्याशी बनाया था। चार दिन बाद ही पार्टी ने गुफरान का टिकट काटकर भाजपा से आए हितेंद्र कुमार उर्फ बंटी उपाध्याय को प्रत्याशी बना दिया। ब्राह्मण का कार्ड खेलकर बसपा को अप्रत्याशित होने की उम्मीद है।

बसपा की इस रणनीति को डा. भीमराव आंबेडकर विवि कश्मीरी गेट, दिल्ली के अकादमिक फेलो अरुण त्रिपाठी पार्टी का वैचारिक विचलन मानते हैं। उन्होंने कहा पार्टी की राजनीतिक विचारधारा पर कुछ लोगों की निजी विचारधारा हावी हो रही है। मतदाता का मायावती के साथ एक कमिटमेंट हैं। वह उसे भुनाना चाहती है। वह इस वोट बैंक के जरिए यथास्थिति बनाए रखना चाहती है। मूवमेंट से निकली पार्टी को डर सता रहा है। बहुजन समाज पार्टी के गठन से भी पहले बामसेफ से जुड़े रामअवतार पारा कहते हैं, यह बड़ी शक्तियों के प्रभाव में उठाया जा रहा बदलाव है। इसके पीछे पार्टी उम्मीदवार की जीत़ सहित कई गणित हैं।

कब और कहां किया बसपा ने बदलाव

मथुरा: वर्ष 2007 के विधानसभा चुनाव में मथुरा विधानसभा क्षेत्र से बसपा ने पहले देवेंद्र गौतम गुड्डू को प्रत्याशी बनाया था। इसके बाद उनका टिकट काटकर डा. अशोक अग्रवाल को प्रत्याशी बनाया। नामांकन से दो दिन पहले फिर देवेंद्र गौतम को प्रत्याशी बनाया। बसपा प्रत्याशी देवेंद्र गौतम 22 हजार 550 वोट पाकर तीसरे स्थान पर रहे।

 

मैनपुरी: इससे पहले बसपा ने वर्ष 2009 के लोकसभा चुनाव में भी टिकट बदला था। 2009 में बसपा ने पहले आनंद भदौरिया को प्रत्याशी घोषित किया था। इसके बाद ऐनवक्त पर उनकी टिकट काटकर विनय शाक्य को चुनाव लड़ाया था। उस चुनाव में बसपा को 31.54 प्रतिशत वोट मिले थे। प्रत्याशी को पराजय का सामना करना पड़ा था।

 

अलीगढ़: 2009 में बसपा ने सपा को हराकर पहली बार लोकसभा का चुनाव जीता था। तब बसपा को 27 प्रतिशत वोट मिले थे। सपा 25.56 प्रतिशत वोट लेकर दूसरे स्थान पर रही थी। 2019 के चुनाव में बसपा-सपा-रालोद गठबंधन को 36.68 प्रतिशत वोट मिले थे। भाजपा ने 56.38 प्रतिशत वोट पाकर जीत हासिल की थी।

 

फिरोजाबाद: बसपा ने लोकसभा चुनाव में केवल इसी बार प्रत्याशी को बदला है। 2022 के विधानसभा चुनाव में बसपा ने फिरोजाबाद विस सीट से प्रत्याशी बदला था। पहले बबलू गोल्डी को प्रत्याशी बनाया। नामांकन से पहले उनका टिकट काटकर सपा के पूर्व विधायक अजीम भाई की पत्नी शाजिया हसन को उतारा। उन्हें 37,641 मत मिले।

 

आगरा: वर्ष 2022 के विधानसभा चुनाव में एत्मादपुर विधानसभा क्षेत्र से पहले सर्वेश बघेल को प्रत्याशी बनाया। नामांकन से पहले प्रत्याशी बदलकर राकेश बघेल को प्रत्याशी बना दिया। इससे मतदान प्रतिशत बढ़ा, राकेश बघेल दूसरे नंबर पर रहे। उत्तर विधानसभा क्षेत्र से भी मुरारी लाल गोयल को क्षेत्र प्रभारी घोषित कर हरी झंडी दे दी गई थी। ऐन टाइम पर कांग्रेस से बसपा में आए शब्बीर अब्बास को टिकट थमा दिया। इससे बसपा तो नहीं जीत सकी, लेकिन वैश्य मतदाता में बिखराव थमने से भाजपा प्रत्याशी पुरुषोत्तम खंडेलवाल की जीत का आंकड़ा बढ़ गया।

 

फतेहपुर सीकरी: वर्ष 2019 के लोकसभा चुनाव में सीमा उपाध्याय को प्रत्याशी घोषित किया। उनके चुनाव लड़ने से इन्कार पर दिल्ली में रहने वाले राजवीर सिंह को बसपा ने प्रत्याशी घोषित किया। मगर, चुनाव से ठीक पहले भगवान सिंह शर्मा उर्फ गुड्डू पंडित को प्रत्याशी बनाया, इससे बसपा को नुकसान हुआ, मतदान प्रतिशत कम हुआ।

 

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