उत्तर प्रदेशलखनऊ

किसान आंदोलन: अस्थाई तौर पर खोले गए सिंघु और टिकरी बॉर्डर, दिल्ली-NCR के लोगों को मिली बड़ी राहत

किसानों के दिल्ली कूच पर ब्रेक लगने के अगले दिन ही पुलिस ने सिंघु और टिकरी बॉर्डर को अस्थाई तौर पर खोल दिया है। दोनों सीमाओं पर मिली राहत के बाद लोगों ने चैन की सांस ली है। बता दें कि अभी पुलिस ने एक तरफ से आवाजाही शुरू करवा दी है।

नई दिल्ली: शनिवार शाम होते- होते दिल्ली के सिंघु और टिकरी बॉर्डर से राहत भरी खबर आई है। दरअसल किसानों के दिल्ली कूच के कारण दोनों बॉर्डर को किले में तब्दील कर दिया गया था। जिसे आज शाम को अस्थाई तौर पर खोल दिया गया है। पुलिस ने सड़क पर एक तरफ से आवाजाही शुरू करवा दी है। बता दें कि किसान आंदोलन के कारण बॉर्डर को सील कर दिया गया था। जिसकी वजह से वहां से लोगों को बॉर्डर पार करने में काफी मुश्किल हो रही थी। गाड़ियों को कुछ किलोमीटर पहले ही रोक दिया जाता था। ऐसे में अब आज शाम को बॉर्डर के खुलने से दिल्ली के लोगों ने राहत की सांस ली है। बता दें कि किसानों ने शुक्रवार को ही ऐलान किया था कि वो 29 फरवरी तक दिल्ली कूच नहीं करेंगे। जिसके बाद पुलिस ने आज शाम को लोगों को थोड़ी सी राहत दी है।

पिछले तीन महीने बीत चुके हैं, लेकिन चांदनी चौक में जो समस्याएं तत्काल हल होनी थीं, वे अभी भी मौजूद हैं। शुक्रवार को हमारे सहयोगी संस्थान टीओआई ने एक निरीक्षण किया। इस दौरान ग्रीन बेल्ट को बचाने के लिए लगाई गई जालियां कई जगहों से गायब थीं। पैदल यात्रियों के लिए बने रास्ते पर रिक्शों को बेतरतीब ढंग से खड़ा पाया गया, जिससे फुटपाथ पर लोगों का चलना मुश्किल हो रहा था। सरकार की ओर से वाहनों की आवाजाही को नियंत्रित करने के लिए तैनात लगभग 124 होमगार्ड स्वयंसेवक गायब हैं, जिससे सड़क पर अव्यवस्था है। फुटपाथ पर पैदल चलने वालों के लिए जगह भी वहां खड़ी दोपहिया वाहनों के कारण कम हो गई है।

जैन मंदिर के पास सड़क पर मौजूद एक सार्वजनिक शौचालय बिजली और पानी की आपूर्ति न होने के कारण बंद था। टाउन हॉल इमारत के पास फुटपाथ पर खाने-पीने और कपड़े की दुकानें और अवैध रूप से सामान बेचने वाले मौजूद थे, जबकि ये क्षेत्र ‘नो-हॉकिंग जोन’ घोषित है। इस जगह लगाए गए कम से कम पांच पेड़ गायब हो गए हैं,उनकी जगह खाली मिट्टी के गड्ढे दिखाई दे रहे हैं। चांदनी चौक सर्व व्यापार मंडल के अध्यक्ष संजय भरगवा ने आरोप लगाया है कि परियोजना अधूरी थी लेकिन जल्दबाजी में उद्घाटित कर दी गई और उसके बाद पीडब्लूडी ने शेष कार्य पूरा करने का कोई प्रयास नहीं किया। वर्तमान में क्षेत्र की हालत खराब है। वाहनों की आवाजाही और चलने वाले साइकिल रिक्शा की संख्या के संबंध में भी अनगिनत उल्लंघन हो रहे हैं।

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