डायल 112 ने दिलाया बच्ची को जीवनदान

गोंडा
एक दिन सुबह एक नवजात बालिका खेत में फेंक दिया गया। किसी ने 112 डायल कर दिया। सूचना मिलते ही पुलिस के साथ जिले की बाल संरक्षण इकाइयां सक्रिय हुई। जिला महिला अस्पताल के बच्चा वार्ड में दाखिल कराया गया। डॉक्टर, नर्स, महिला आरक्षी, चाइल्डलाइन आदि ने मिलकर बच्ची की सेवा की। बच्ची स्वस्थ हुई, बाल कल्याण समिति के आदेश से गोंडा के सीसीआई में रखी गई।फिर एक दिन फ्री फॉर एडॉप्शन डिक्लेयर कर CARA की वेबसाइट में अपलोड कर दिया गया और आज एक भाग्यशाली परिवार को चार साल के इंतजार के बाद शारदीय नवरात्रि में देवी के रूप में बेटी मिली।
बच्चे देश का भविष्य हैं, जंगल, खेत में फेंकना अपराध है। यदि किन्हीं परिस्थितियों में आप बच्चे को नहीं रखना चाहते हैं तो जिले की बाल संरक्षण इकाई या वन स्टाफ सेंटर में बच्चे को सुपुर्द कर सकते हैं आप की गोपनीयता उजागर नहीं होगी। बच्चों को बचाने में बहुत मेहनत लगती है।
# बिना वैधानिक प्रक्रिया का अनुपालन किए गोद लेना या देना अपराध है इसलिए बच्चे गोद लेने के लिए अपने जिले की बाल संरक्षण इकाई से संपर्क करें या सीधे https://cara.wcd.gov.in पर रजिस्ट्रेशन कराएं।